चंडीगढ़ | हरियाणा के सभी सरकारी अस्पतालों में कैथ लैब और MRI जैसी सेवाएं शुरू होंगी. सरकार PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत ये सुविधाएं मुहैया कराएगी. सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई विधायकों ने स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाया. स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने अपने जवाब में यह खुलासा किया.
उन्होंने कहा कि 5 जिलों अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में PPP मोड के तहत एमआरआई सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. सिविल अस्पतालों में कैथ लैब की सफलता के बाद अब सरकार ने सोनीपत, बहादुरगढ़ और यमुनानगर में भी यह सुविधा शुरू करने का फैसला किया है. सरकार ने इसके लिए पीपीपी मोड के तहत टेंडर जारी कर दिए हैं.
इन जिलों में भी मिलेगी लोगों को MRI सेवाएं
5 और जिलों कुरुक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ़, पलवल और चरखी दादरी में भी लोगों को एमआरआई सेवाएं मिलेंगी. इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. यह सुविधा यमुनानगर के मुकंद लाल जिला अस्पताल में भी उपलब्ध होगी. सरकार सभी अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में 162 जर्जर पीएचसी व सीएचसी के नये भवन बनाने का निर्णय लिया गया है. इनका टेंडर जारी हो चुका है और कुछ जगहों पर काम भी शुरू हो चुका है.
इनके अलावा, 134 उपस्वास्थ्य केंद्र, 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1 सामुदायिक और 37 सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. जिला अस्पतालों में ICU और रेडियोथेरेपी सेवाएं मुहैया कराने के सवाल पर विज ने कहा कि सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. रेडियोलॉजिस्ट का बड़ा संकट है.
8 शहरों में बनेंगे मदर- चाइल्ड केयर विंग
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में 8 स्थान पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल, नल्हड़ (नूंह), कैथल और सिरसा में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल बनाए जाएंगे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि कैथल शहर के पुराने नागरिक अस्पताल परिसर में 100 बिस्तरीय एम.सी.एच. (मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य) विंग स्थापित किया जाना विचाराधीन है। आवश्यक स्वीकृतियों के बाद निर्माण कार्य 2-3 साल की अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है। pic.twitter.com/KDZEoJCkB6
— DPR Haryana (@DiprHaryana) December 18, 2023
कैथल शहर के पुराने नागरिक अस्पताल परिसर में 100 बिस्तरों वाला एमसीएच (मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य) विंग स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है. आवश्यक स्वीकृतियां जारी होने के बाद 2 से 3 साल की अवधि में निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है.
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