चंडीगढ़ । हरियाणा के 22 जिलों में ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग द्वारा मान्यता मिल गई है. कृषि, बागवानी, पॉल्ट्री, दूध आदि क्षेत्रों से संबंधित उत्पादों को इस योजना में शामिल किया गया है. हरियाणा सरकार इस योजना में आर्थिक और तकनीकी सहायता करके स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगी.
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि सभी जिलों में वहां होने वाली फसलों, कृषि आदि के आधार पर उत्पादों का चयन किया है. इससे किसानों, सूक्ष्म उद्योगों को पूरा लाभ मिलने के साथ कहीं न कहीं कृषि निर्यात भी बढ़ेगा. अंबाला जिले में प्याज, भिवानी-फतेहाबाद-महेंद्रगढ़ में मौसम्बी, नींबू, संतरा आदि खट्टे फल, दादरी-रोहतक-फरीदाबाद में खीरा, ककड़ी, खरबूजा, तरबूज आदि कुकुरबिट्स से संबंधित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा.
गुरुग्राम जिले में आंवला, झज्जर में अमरूद, जींद में मुर्गी पालन, करनाल में हरी पत्तेदार सब्जियां, कुरुक्षेत्र में आलू, नूंह-पलवल में टमाटर, पंचकूला में अदरक, हिसार-कैथल में दूध व दूध उत्पादों की ब्रांडिंग की जाएगी.
पानीपत में गाजर, रेवाड़ी में सरसों, सिरसा में किन्नू, सोनीपत में मटर और यमुनानगर में आम से संबंधित उत्पादों को नई पहचान दिलाएंगे.
आत्मनिर्भर भारत के लिए एक जिला-एक उत्पाद योजना बड़ा कदम है. इस तरह की लाभकारी योजना को सरकार केवल जिलों तक सीमित नहीं रखेगी. एक कदम और आगे बढ़ाते हुए इसे सभी खंड स्तर में शुरू किया जाएगा. सरकार एक खंड-एक उत्पाद योजना पर बहुत तेजी से कार्य कर रही है. जल्द सभी खंडों में भी अलग-अलग उत्पादों के उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
गौरतलब है डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि सभी जिलों में वहां होने वाली फसलों, कृषि आदि के आधार पर उत्पादों का चयन किया है. इससे किसानों, सूक्ष्म उद्योगों को पूरा लाभ मिलने के साथ कृषि निर्यात भी बढ़ेगा.
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