चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने भवन निर्माण संबंधी कानूनों में बड़ा बदलाव किया है. सरकार के इस फैसले से आमजन को भवन निर्माण में आसानी होगी. नए नियम के तहत अब हरियाणा में स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रूफ कंसलटेंट और सुपरवाइजिंग इंजीनियर के बिना भी भवनों के नक्शों को मंजूरी मिलेगी लेकिन मकान मालिक को 60 दिनों के भीतर अपने भवन के नक्शे के अनुसार संबंधित इंजिनियर से इसकी मंजूरी लेना अनिवार्य होगा.
अब इंजीनियर्स पैनल बनाए जाने तक मंजूर किए जा सकेंगे भवनों के नक्शे
हरियाणा सरकार ने भवन नियमावली-2017 में संशोधन करते हुए नक्शा पास करने के लिए आर्किटेक्ट सहित स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रूफ कंसलटेंट और सुपरवाइजिंग इंजीनियर की संस्तुति अनिवार्य कर दी है. मनोहर सरकार ने यह फैसला गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडिसो बहुमंजिला इमारत में इस साल हुए हादसे के बाद लिया है. उस समय सरकार ने तय किया था कि भवन निर्माण का नक्शा मंजूर करने से लेकर कंपलीशन तक निगरानी रखने के लिए अब आर्किटेक्ट के अलावा विभिन्न श्रेणी के भवनों के निर्माण में स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रूफ कंसलटेंट और सुपरवाइजिंग इंजीनियर की संस्तुति अनिवार्य होगी.
इसके लिए हरियाणा सरकार ने 5 अगस्त को एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी और इस कमेटी को विभिन्न जिलों में आर्किटेक्ट सहित स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रूफ कंसलटेंट और सुपरवाइजिंग इंजीनियर के पैनल बनाने थे. सरकार ने कमेटी तो गठित कर दी लेकिन अभी तक स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रूफ कंसलटेंट और सुपरवाइजिंग इंजीनियर के पैनल नहीं बन पाए.
आर्किटेक्ट के पैनल तो पहले से ही है. इसके चलते भवनों के नक्शे पास करने में सरकार के सामने तकनीकी समस्या खड़ी हो गई. इससे पंचकूला, सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित कई बड़े शहरों में नक्शे पास करने में समस्या आ गई थी लेकिन फिलहाल सरकार ने भवन नियमावली में बदलाव कर लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया है.
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