SYL पर फिर घमासान: पंजाब और हरियाणा सीएम के बीच बैठक भी बेनतीजा; 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

चंडीगढ़ | पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर बनाने के मुद्दे पर गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) के साथ एक घंटे से अधिक समय तक चली. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पर राज्य का पुराना रुख बरकरार रखते हुए साफ कर दिया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी की एक बूंद भी नहीं है.

cm

पंजाब के सीएम ने कही ये बातें

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर मैं कह रहा हूं कि हमारी किसी के साथ साझा करने के लिए पास में पानी नहीं है. मैंने बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सूचित किया है कि हम अपने पहले के रुख पर कायम हैं कि हमारे पास पानी नहीं है. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह पानी की बात करने नहीं आए हैं, पंजाब पहले एसवाईएल नहर बनाए, फिर हम देखेंगे. हमारे पास देने के लिए पानी ही नहीं है तो नहर बनाने का क्या फायदा.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में जनगणना तक नहीं बन पाएंगे नए जिले, प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर लगी रोक

पंजाब को तय शर्तों से मिलता है कम पानी

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा में पानी के लिए कई चैनल हैं. इन्हें यमुना- शारदा लिंक से पानी मिलता है, जबकि पंजाब के पास सतलुज नदी अब नाले में तब्दील हो चुकी है. तय शर्तों के मुताबिक, पंजाब को 52 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी मिलना चाहिए लेकिन फिलहाल 14.5 एमएएफ पानी ही मिल रहा है.

भूजल भी 600- 700 फीट नीचे गिर गया है और पंजाब डार्क जोन में है. पंजाब को आज जिस हॉर्सपावर की मशीन से जमीन से पानी निकालना पड़ता है, दुबई में उसी गहराई से जमीन से तेल निकाला जाता है. उन्होंने दोहराया कि एसवाईएल बनाने का कोई औचित्य नहीं है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में बेघरों के घर का सपना होगा पूरा, पीएम आवास योजना 2.0 लांच

बाढ़ के दौरान हरियाणा ने नहीं लिया पानी

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब का पांच एमएएफ पानी दिया जा रहा है लेकिन यह पानी रावी के रास्ते जम्मू- कश्मीर के चिनाब से आता है. उन्होंने कहा कि पंजाब से पाकिस्तान को पानी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा वैसे इस साल जब बाढ़ आई तो हमने हरियाणा से पूछा था कि क्या पानी की जरूरत है, इनकार कर दिया. तो क्या हमें सिर्फ डूबना है. मान ने कहा कि हमने वाईएसएल (यमुना- सतलज लिंक) फॉर्मूला दिया है.

मनोहर ने भी स्पष्ट किया रूख

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मानें या न मानें. उन्होंने कहा कि हरियाणा को अनुबंध के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में फसलों को नुकसान हो रहा है. हरियाणा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाकर जल प्रबंधन कर रहा है. हरियाणा के इस प्रयास की केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने भी सराहना की है. इसके साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि आज तक हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया गया है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में 23 नवंबर तक घने कोहरे का अलर्ट जारी, अभी राहत मिलने के नहीं आसार; जानें सप्ताह भर का वेदर अपडेट

चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा. हम सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेंगे. दुनिया भर में हर 25 साल में नदी तटीय मुद्दों की समीक्षा की जाती है लेकिन पंजाब के मामले में केंद्र सरकार ने कभी इसकी समीक्षा नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिनाब से रावी तक सिंधु समझौता हुआ था. जिसके तहत, चिनाब और रावी के बीच एक सुरंग बनाई जानी थी, जिससे पंजाब को पांच एमएएफ पानी मिल सकता था, लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक उस सुरंग का निर्माण नहीं किया है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit