सीएम खट्टर ने डोमिसाइल मामले को लेकर बदला फैसला, भूपेंद्र हुड्डा ने उठाए थे सवाल

चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर कहा है कि निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को 75 % आरक्षण दिए जाने के कानून के बाद कुछ उद्योगों ने डोमिसाइल का मामला उठाया था,इसके बाद हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि जो व्यक्ति 5 साल से हरियाणा में रह रहा है, उसे प्रदेश का डोमिसाइल जारी किया जाएगा.

Haryana CM Press Conference

सरकार के ट्वीट के बाद यूजर्स ने ट्रोल करना शुरू कर दिया है, नवीन नाम के यूजर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इस बात का तो हरियाणा वासियों को तो पहले से ही पता चल गया था कि यह योजना हरियाणा वासियों के लिए तो बस एक जुमला है असली फायदा तो आप ने बाहरी लोगों को देना था प्रदेश की जनता को बहुत बेवकुफ बना चुके ऐसे ही लगे रहो जिससे आप को पवेलियन का रास्ता साफ हो सके

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विरेंद्र मोर नाम के यूजर ने कहा कि वाह,जनता को बेवकूफ बनाना आता है, 75% आरक्षण देकर अब डोमिसाइल टाइम 15 से 5 साल कर दिया जिससे बाहरी लोग आसानी से हरियाणा की नागरिकता लेंगे और फिर जॉब 75% आरक्षण में घुस जाएंगे,बन्द करो आम जनता को तंग करना.थोड़े ढंग के काम कर लिया करो सरकार plz.

बता दें कि सरकार के इस फैसले से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा था.भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने ट्विटर के जरिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि डोमिसाइल की शर्त को 15 साल से घटाकर 5 साल करना हरियाणा के लोगों के अधिकारों का हनन है. हुड्डा ने कहा था कि सरकार 5 साल के अधिवास के माध्यम से हरियाणा की जनसांख्यिकी को बदलकर मूल निवासियों के अधिकारों को कम करना चाहती है.जिससे अगर सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा तो स्थानीय निवासियों खासकर एससी ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए नौकरी पाना और भी मुश्किल हो जाएगा. वैसे, पहले से कोई काम नहीं है. ऊपर से सरकार का ऐसा कदम उठाना रोजगार के लिहाज से बिल्कुल गलत है.

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