चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए 1.77 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है. यह बजट पिछली बार से अधिक है. पिछली बार 2021-22 में 1.53 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था. हरियाणा सरकार के बजट की प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस आलोचना कर रही है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि बजट के नाम पर प्रदेश की जनता को कुछ नहीं मिला है, सिर्फ कोरी घोषणाएं की गई है.
हरियाणा के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भुपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार के बजट को आम आदमी के लिए निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि बजट से प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. हुड्डा ने राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना की कर्मचारियों की मांग को राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकार करने को अच्छा कदम बताया और कहा कि हरियाणा की सरकार को भी राजस्थान सरकार की तरह इसे लागू करना चाहिए. सरकारी कर्मचारियों की इस मांग को राज्य सरकार को पूरा करना चाहिए था.
पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन योजना लागू करने की थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. हुड्डा ने बजट पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि यह बजट किसानों के लिए बिल्कुल ही निराशाजनक है. इस बजट से एक ही बात स्पष्ट हो रही है कि कर्ज लेकर घी पीते रहो.
सीएम ने क्या कहा
इसके जवाब में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि नई पेंशन योजना ठीक है. सीएम ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार ने ही इसे चुना था तो इस पर विचार हुए होंगे. उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी को 30 साल बाद पेंशन मिलनी शुरु हो जाती है इससे प्रदेश सरकार के खजाने पर पेंशन का बोझ बढ़ता जा रहा है. प्रदेश सरकार का हर साल सिर्फ पेंशन पर 8,400 करोड़ रुपया खर्च हो जाता है. इस हिसाब से 12 साल बाद यह 40 हजार करोड़ रुपया हो सकता है.
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