चंडीगढ़।हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में एक प्रश्न के जवाब में अहम जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 18 अगस्त 2021 तक 54 लाख 73 हजार 599 परिवारों के 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 121 व्यक्तियों के परिवार पहचान पत्र में पंजीकरण कर अपनी हस्ताक्षरित सहमति प्रदान की है.
डाटा सत्यापन की प्रक्रिया जारी
विधायक नीरज शर्मा के एक सवाल का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आय डाटा के लिए सत्यापन प्रक्रिया अभी जारी है. 18 अगस्त 2021 तक परिवार पहचान पत्र में 54,73,559 परिवारों द्वारा अपने परिवार के 2,20,48,181 व्यक्तियों की आय स्वघोषित की है जिनकी कुल आय 1,35,724 करोड़ रुपए है. गणितीय सिद्धांत से देखा जाए तो प्रति व्यक्ति आय और प्रति फैमिली आय क्रमश 61,558 रुपए और 2,47,962 रुपए है.
इस दौरान जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वघोषित आय को केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा बनाए एवं रखें जा रहें अन्य उपलब्ध डाटाबेस से डिजिटल माध्यम से और विशेष रूप से गठित समितियों द्वारा भौतिक सत्यापन के सत्यापित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिक क्षेत्र के सत्यापन एक सॉफ्टवेयर ऐप के जरिए किया जा रहा है. इस ऐप पर विशेष रूप से गठित टीम ,जिसका नाम लोकल कमेटी है, कार्य कर रही है. स्थानीय समिति की संरचना ऐसी है कि इसमें विभिन्न सामाजिक समूहों के लोगों को शामिल किया जाता है. इसमें एक सरकारी कर्मचारी शामिल होता है जो इस टीम का नेतृत्व करता हैं और इसके अलावा टीम में आई. टी. का ज्ञान रखने वाला सीआरआईडी के साथ पंजीकृत स्थानीय ऑपरेटर , एक स्वयंसेवी, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक स्टूडेंट शामिल होता है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि फैमिली आईडी डाटाबेस सभी सरकारी योजनाओं, सब्सिडी , सेवाओं और लाभों के वितरण के लिए मेटाडेटा का काम करता है. एकीकरण पर, दस्तावेजों की आवश्यकता के बिना हीं किसी भी समय,कही भी सक्रिय रूप से नागरिक सेवाएं प्रदान संभव होगा क्योंकि पीपीपी डाटाबेस के पास उपलब्ध डाटा पूर्ण सत्यापित होता है.
डाटा पूरी तरह सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा और न ही किसी निजी एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा. फैमिली आईडी डाटाबेस में डाटा सरकारी क्लाउड पर सुरक्षित रुप से सुरक्षित रुप से संग्रहित किया जाता है. पोर्टल केवल अधीकृत उपयोगकर्ता के आधार पर कार्य करता है और इस पर संग्रहीत डाटा तक किसी को खुली पहुंच प्रदान नहीं की गई है. सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन कार्यालय द्वारा स्वयं विकसित की गई है और किसी भी वेंडर विक्रेता को पीपीपी के साथ शामिल नहीं किया गया है.
वर्तमान में पोर्टल की निगरानी सीआरआईडी की ओर से की जा रही है तथा राष्ट्रीय स्तर पर एनआईसी द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य 1.80 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों का आर्थिक उत्थान करना है. पीपीपी योजना के सर्वे के तहत अब तक 50,000 रुपए तक की वार्षिक आय वाले 30,000 परिवार और एक लाख रुपए तक वार्षिक आय घोषित करने वाले परिवार चिन्हित किए गए हैं. इनकी आमदनी का जरिया बढ़ाने के लिए छः विभागों की टीम परिवारों से सम्पर्क कर योजना बना रही है.