हरियाणा में चुनाव से पहले OBC वर्ग को रिझाने के लिए कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, सरकार बनी तो कराएंगे जातिगत जनगणना

चंडीगढ़ | हरियाणा में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने OBC वोट बैंक को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है. रोहतक लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर हम सत्ता में आए, तो हरियाणा में जातिगत जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा कि हमने पहले भी 15% आरक्षण बढ़ाया था. उसी अनुसार, आगे भी संवैधानिक आधार पर OBC समाज के लिए बढ़ाने का काम करेंगे.

Deepender Singh Hooda

चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का दांव खेलकर एक तरफ जहां ओबीसी और एससी वोटर्स को साधने की कोशिश की है, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के लिए चुनावी मुसीबत खड़ी कर दी है. हालांकि, ओबीसी समाज से नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने की बात दोहरा कर बीजेपी कांग्रेस के दावे को फेल करने की भरपूर कोशिश करेगी. बता दें कि जातीय जनगणना में हर जाति की आबादी की गिनती की जाती है और उसके हिसाब से आरक्षण की स्थिति तय की जा सकती है.

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अभी किसे कितना आरक्षण

  • OBC: 27%
  • SC: 15%
  • EWS: 10%
  • ST: 7.5%

सुप्रीम कोर्ट ने माना था सही

देश में अभी जातिगत आरक्षण 49.5% है, जिसमें OBC को 27%, SC को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण मिलता है. इसके अलावा, स्वर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े (EWS) कैटेगरी में 10% आरक्षण दिया जा रहा है. इसके बाद, आरक्षण 50% पार जरूर हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने माना कि EWS को आरक्षण देने का फैसला एकदम सही है.

राज्य में OBC वर्ग की कितनी आबादी

हरियाणा में OBC वोटर्स की संख्या का आंकड़ा करीब 40% है. इसमें 78 जातियां आती हैं. जातिगत वोट बैंक के लिहाज से देखें तो करीब 21% वोटर्स OBC वर्ग से हैं जातिगत जनगणना हुई, तो सबसे बड़ा फायदा OBC वर्ग का ही माना जा रहा है. जिन्हें अभी आबादी के लिहाज से आरक्षण में हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.

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कांग्रेस का क्या फायदा?

कांग्रेस इसी OBC वोट बैंक को रिझाने की कोशिश में है. जातिगत जनगणना होने से ओबीसी वर्ग को ज्यादा आरक्षण मिल सकता है, ऐसे में यह वोटर्स कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं. वहीं, आबादी ज्यादा होने पर SC वर्ग को भी आरक्षण की लिमिट बढ़ने की उम्मीद होगी.

बीजेपी की गैर जाट राजनीति और किसान आंदोलन की वजह से सबसे ज्यादा 22.2% जाट वोटर्स भाजपा से नाराज़ चल रहे हैं. लोकसभा चुनाव में एससी वोटर्स ने भी कांग्रेस का बखूबी साथ निभाया था. ऐसे में जाट, एससी के बाद OBC ने भी कांग्रेस को वोट दिया तो फिर विधानसभा चुनाव में फायदा हो सकता है.

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बीजेपी ने निकाला कोई तोड़

बीजेपी ने सबसे पहला दांव साढ़े 9 साल सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को हटाकर उनकी जगह पर ओबीसी समाज से आने वाले नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया. इसके अलावा, OBC वर्ग के लिए आरक्षण की क्रीमीलेयर की सीमा की सालाना इनकम 6 लाख से बढ़ा 8 लाख कर दी है. गत दिनों महेंद्रगढ़ में आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा करते हुए कहा था कि OBC-B वर्ग के लिए 5% आरक्षण, OBC- A वर्ग के लिए पहले से लागू 8% कोटे के अतिरिक्त होगा.

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