चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार द्वारा 1 अक्टूबर से खरीफ फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. केन्द्र सरकार द्वारा बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,350 रुपए प्रति क्विंटल जबकि धान पीआर ए ग्रेड का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है मगर सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही प्रदेश के विभिन्न जिलों रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, नारनौल, भिवानी, चरखी दादरी आदि में किसान औने-पौने दामों पर बाजरे की फसल बेचने को मजबूर हो चुके हैं.
बता दें कि 1 अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई थी लेकिन खरीद अधिकारी नमी आदि बताकर किसानों का अनाज खरीदने में आनाकानी कर रहे हैं. जिसके चलते किसान अपनी फसल को मंडी में व्यापारियों के हाथों बेचने पर मजबूर हो रहे हैं. किसानों को मजबूरी में अपनी बाजरे की फसल को 1,700-1,900 रुपए प्रति क्विंटल तक बेचना पड़ रहा है. सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीदने से आनाकानी करने पर किसानों को प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
बता दें कि हरियाणा के दक्षिणी जिलों में खरीफ फसलों में मुख्य रूप से ज्यादातर बाजरे की फसल उगाई जाती है. इस बार मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने की वजह से किसानों को बंपर पैदावार की उम्मीद थी लेकिन हालिया दिनों में हुई जोरदार बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया. अधिक बारिश के चलते खेतों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई जिससे खेतों में कटाकर डाले गए बाजरे के सिरे अंकुरित हो गए.
खेत में मौसम और मंडी में सरकार बनी किसान की दुश्मन।
2350 रु समर्थन मूल्य का बाजरा मंडी में 1600-1700 के रेट पर पिट रहा है। इसी तरह 2060 रु के रेट वाली धान 1700 से 1800 रु में बिक रही है। सरकार ना तो किसानों को MSP दिला रही है और ना ही बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ। pic.twitter.com/eupg2JbjWM
— Udai Bhan (@INCUdaiBhan) October 2, 2022
वहीं, जलभराव के चलते बाजरे का दाना भी काला पड़ गया है. जिसे खरीद एजेंसी नियमानुसार खरीदने में आनाकानी कर रही है. इस कारण किसान अपने अनाज को मंडियों में व्यापारियों के यहां औन-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है. कम दाम में फसल बेचने की नाराज़गी किसानों के चेहरों पर साफ नजर आ रही थी और इसके लिए वो सरकार को दोषी ठहरा रहे थे. किसानों ने कहा कि सरकार एमएसपी से नीचे बाजरे की खरीद पर भावांतर भरपाई योजना का लाभ देने की बात कह रही थी लेकिन उन्हें तो इसका भी कही लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं, हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर न खरीदने पर हरियाणा सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि खेत में मौसम और मंडी में सरकार किसानों की दुश्मन बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2350 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य का बाजरा मंडी में 1,700-1,800 के रेट पर पिट रहा है. इसी तरह 2,060 के सरकारी रेट वाली धान 1,800-1,900 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है. खट्टर सरकार किसानों को ना तो MSP दिला रही है और ना ही बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दे रही है.
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