डीजीपी विवाद मेंं नया मोड़: हरियाणा के गृह सचिव ने नहीं भेजा पैनल, विज को लिखा जवाबी खत

चंडीगढ़ । हरियाणा के डीजीपी व गृहमंत्री अनिल विज के विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. गृहमंत्री विज ने 2 दिन पहले गृह सचिव राजीव अरोड़ा को खत लिखकर नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए 7 IPS अफसरों का एक पैनल बनाने के निर्देश दिए थे. राज्य के गृह सचिव ने नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल नहीं भेजा और पत्र लिखकर अपने जवाब में कहा कि डीजीपी की दो साल से ज्यादा नियुक्ति वाजिब है.आपको बता दें कि फिलहाल डीजीपी के पद पर कार्यरत श्री मनोज यादव जी का 2 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है.

Anil Vij

गृह सचिव ने नया पैनल बनाने की बजाय अपने जवाबी खत में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि किसी राज्य में डीजीपी केवल 2 साल तक ही कार्यरत रह सकता है. गृह सचिव ने कहा कि दो साल की अवधि न्यूनतम है, अधिकतम नहीं. अधिकतम अवधि राज्य सरकार तय करती है.जानकारो के अनुसार नया पैनल उसी स्थिति में बनता है जब डीजीपी खुद हटना चाहें, केंद्र में जाना चाहें,उन पर कोई गंभीर आरोप हो या फिर खुद मुख्यमंत्री हटाना चाहते हों.

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हरियाणा सरकार ने मौजूदा डीजीपी को 2 साल पुरे होने पर अगले आदेश तक सेवा जारी रखने के आदेश दिए हैं लेकिन गृहमंत्री अनिल विज को यह रास नहीं आया. कई बार ऐसे मौके आए जब प्रदेश के मुद्दों को लेकर गृहमंत्री विज ओर डीजीपी के बीच माहौल अच्छा नहीं रहा है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को को दिल्ली जाने से पहले ही यह पत्र लिखा था लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही यह पत्र लीक हो गया. गृहमंत्री अनिल विज ने पिछले दिनों इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में मुलाकात की थी.

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गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का हवाला देते हुए गृहमंत्री को नया फैसला लेने को कहा है, उन्होंने कहा कि सारी परिस्थितियां आपके सामने है कि आगे क्या करना है. अब अगर विज साहब इस मामले को लेकर अड़ गए तो डीजीपी को जाना होगा या फिर कोई दूसरा विकल्प तलाश करना होगा क्योंकि डीजीपी की गिनती एक केन्द्रीय अधिकारी और मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में होती है.

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इस बारे में जब गृहमंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने वह पत्र निकलवा लिया है जिसमें लिखा हुआ है कि किसी भी डीजीपी को किसी राज्य में 2 साल से ज्यादा एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती. उनके पास गृह सचिव के आफिस से कोई फाइल आई हुई है लेकिन अब तक मैंने वो देखीं नहीं है. उन्होंने कहा कि नए अधिकारी को मोका मिलना चाहिए। जल्द ही पैनल द्वारा अधिकारियों के नाम लोक सेवा आयोग के पास भेजें जाएंगे.

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