चंडीगढ़ । रवि की फसल बुआई के दौरान हरयाणा में डीएपी खाद के लिए मारामारी शुरू हो गई है. DAP के लिए लोगों को लाइन में लगना पड़ रहा है. जैसे ही दुकान पर DAP खाद के कट्टे आते हैं तुरंत लोग खरीद लेते हैं. यानी प्रदेश में DAP खाद की मांग ज्यादा है और स्टॉक कम है.
हरियाणा सरकार के स्टॉक में इस समय मात्र 40 हजार मैट्रिक टन DAP उपलब्ध है, जबकि सीज़न में 3 लाख एम टी DAP की जरूरत होती है. आलू और सरसों की अगेती किस्म की बिजाई के लिए किसानों की सरकारी खरीद केंद्रों और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) पर लाइनें लग रही हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. अभी से खाद को लेकर ये हालात हैं तो गेहूं बिजाई के सीजन में स्थिति और विकट हो सकती है.
हरियाणा में इस समय धान की कटाई चल रही है. जैसे ही जमीन खाली हो रही है, किसान आलू और सरसों की अगेती बिजाई की तैयारी कर रहे हैं. कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल के साथ-साथ रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, हिसार, पलवल समेत अन्य जिलों में DAP की मांग बढ़ रही है. जैसे ही केंद्रों पर खाद पहुंच रहा है, उसे हाथों हाथ खरीद लिया जाता है.
बड़ी दिक्कत यह है कि गांवों में स्थित 700 पैक्स समितियों पर खाद का स्टॉक नहीं है. ऐसे में खाद खरीदने को लेकर इधर से उधर भागदौड़ कर रहे हैं. सरकारी खरीद केंद्रों पर डीएपी का एक बोरा 1200 रुपये में मिलता है. उधर, कुछ निजी कारोबारी DAP को ब्लैक में बेचने की फिराक में हैं. प्रदेश में इफको, एनएफएल, चंबल समेत कई कंपनियां खाद की आपूर्ति करती हैं.
कच्चा माल महंगा, उत्पादन कम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा माल महंगा होने की वजह से DAP के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. दाम तो दाम, लेकिन इस सिचुएशन ऐसी है कि DAP मिलना ही बहुत मुश्किल हो रहा है. लोग महंगे DAP खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं और वो खरीद भी रहे हैं. लेकिन बड़ी बात ये है ‘मिले तो खरीदे’.
कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में DAP में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड और रॉक फॉस्फेट की कीमत चढ़ने से यह परिस्थितियां पैदा हुई हैं. देश में इसकी उपलब्धता काफी कम है. ये दोनों उत्पाद बाहर से मंगाए जाते हैं. इस बार डीएपी का उत्पादन पिछले सालों के मुकाबले कम है. इसी कारण कंपनियों से प्रदेश को कम सप्लाई आ रही है.
कुछ दिन में सभी पैक्स पर पहुंचेगा खाद : यादव
हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव ने कहा कि डीएपी खाद की सुचारु उपलब्धता को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री जेपी दलाल से बात हुई है. आगामी कुछ दिन में सभी 700 पैक्स पर डीएपी खाद पहुंच जाएगी. रबी सीजन में किसानों को खाद की कोई कमी नहीं रहेगी.
“प्रदेश में डीएपी और यूरिया की कोई कमी नहीं है. किसानों द्वारा एक साथ ही अधिक मात्रा में डीएपी खरीदे जाने के कारण कुछ स्थानों पर दिक्कत आई है. सरकार के पास खाद का पर्याप्त स्टाक है और लगातार कंपनियां खाद की आपूर्ति दे रहे हैं. किसान जरूरत होने पर ही डीएपी खरीदें, इसे स्टॉक न करें, ताकि सभी को समय पर खाद मिल सके”
– मनजीत नैन, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग
“हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य प्रदेशों में खाद नहीं मिलने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है. सरसों की बिजाई करने वाले किसानों को खाद नहीं मिल रहा है, ऐसे में वे कैसे अगेती किस्म की बिजाई करेंगे. अभी से ही ये हालात हैं तो जब गेहूं का सीजन शुरू होगा तो क्या होगा? सरकार इसे गंभीरता से ले, ताकि किसानों को दिक्कत न हो.
– गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू
गौरतलब है DAP खाद की कमी के कारण हरियाणा के किसान ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान परेशान हैं. किसानों के अंदर फसल बुआई से पहले एक सपना होता है, कि अबकी बार हम अच्छा खाद देंगे अच्छी पैदावार आएगी. लेकिन जब DAP खाद ही ना मिले, तो उनके सपनों के ऊपर संकट मंडराने लगता है और ऐसा ही कुछ हो रहा है. प्रदेश के किसान रिश्तेदारों से फ़ोन करके पूछ रहे हैं कि आपके वहाँ DAP खाद मिल रहा है क्या? वहाँ से भी वही जवाब आता है स्टॉक में कमी है.
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