चंडीगढ़ | हरियाणा में परिवार पहचान पत्र (PPP) से संबंधित एक बड़ी खबर सामने आ रही है. अब फैमिली आईडी में 18 वर्ष आयु सीमा तक के बच्चों की डीओबी टैंगिंग (जन्म प्रमाण पत्र का सत्यापन) होगी. इसके लिए सूबे के सभी 22 जिलों में खंड स्तर पर जोनल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों के अलावा शहरी दायरे को अलग- अलग हिस्सों में बांटकर प्रत्येक जोन में जोनल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
पोर्टल पर होगी डीओबी टैगिंग
ये जोनल अधिकारी सभी जिलों में प्रत्येक PPP में दर्ज बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, उनके स्कूल के शैक्षणिक मार्कशीट के अलावा वोटर आईडी कार्ड की जानकारी भी पोर्टल पर अपलोड करेंगे. राज्य में बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या के आंकड़े वाला जिला नूंह है तो सबसे कम चरखी दादरी है. इनकी पोर्टल पर डीओबी टैगिंग की जाएगी.
PPP में 18- 40 वर्ष आयु तक के लोगों की जानकारी पहले से ही दर्ज है और अब 0- 18 वर्ष आयु तक के बच्चों की जन्म प्रमाण से जुड़ी डीओबी टैगिंग का काम किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक जिले के खंड स्तर पर जोनल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. जोनल मैनेजर नगर पालिका और नगर परिषद दायरे के अलावा ग्रामीण (आउटर) दायरे में आने वाले सभी बच्चों के डीओबी टैगिंग कराएंगे.
इसके लिए प्रत्येक परिवार को अपने PPP में दर्ज बच्चों के जन्म प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन अपलोड कराना होगा. जिन बच्चों के वोटर आईडी कार्ड बने हुए हैं, उन्हें भी अपलोड किया जाएगा. इसी के साथ इन बच्चों की शैक्षणिक परीक्षा की मार्कशीट को भी अपलोड किया जाएगा.
योजनाओं का लाभ उठाने से हो रहे वंचित
मानव सूचना संसाधन विभाग के पास फैमिली आईडी से जुड़ा डाटा मौजूद है, जिसमें बच्चों की संख्या भी दर्शायी गई है. हालांकि, कुछ परिवारों में बच्चों और बड़ों की जन्म प्रमाण से जुड़ी वेरिफिकेशन हो चुकी है लेकिन अब भी हरेक जिले में 80% से ज्यादा बच्चों और वयस्क के साथ बुजुर्गों की जन्म प्रमाण से जुड़ी वेरिफिकेशन नहीं हो पाई है. ऐसे में ये परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित हो रहे हैं.
10 दिन तक होगा ये कार्य
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!बीओबी टैगिंग का कार्य 10 दिनों तक चलेगा. इस समयावधि में प्रत्येक परिवार अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड कराए। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक जोनल मैनेजर नियुक्त किया है. ये जोनल मैनेजर शहरी दायरे में नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्र में BDPO कार्यालय में बैठेंगे. इनके समक्ष जाकर बच्चों की डीओबी टैगिंग कराई जा सकती है- खुशवंत सिंह, जिला समन्वयक मानव सूचना संसाधन विभाग, भिवानी