चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार के एक आदेश ने प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के अन्तर्गत पहले और दूसरे चरण में 18 जिलों में चुने गए नवनिर्वाचित सरपंचों की धड़कनें बढ़ा दी है. स्टेट इलेक्शन कमीशन धनपत सिंह ने स्पष्ट किया है कि इन चुनावों के दौरान चुने गए नवनिर्वाचित पंच व सरपंचों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र नकली/ फर्जी होने की शिकायतें सामने आई है. उन्होंने इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तो एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों (पंचायत) को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.
धनपत सिंह ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के 18 जिलों में चुनाव हो चुके हैं और शेष चार जिलों हिसार, फतेहाबाद, फरीदाबाद और पलवल में होने बाकी है. ऐसे में इन चार जिलों को छोड़कर बाकी सभी 18 जिलों के उपायुक्तो को निर्देश दिए गए हैं कि नवनिर्वाचित पंच व सरपंचों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच जिले में कार्यरत किसी IAS/HCS अधिकारी द्वारा करवाई जाए.
यदि जांच के बाद कोई पंच या सरपंच अयोग्य पाया जाता है तो उसके खिलाफ हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-51 की उपधारा (3) के अन्तर्गत कार्रवाई अमल में लाई जाए.
स्टेट इलेक्शन कमीशन धनपत सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई अमल में लाने से पहले जिला उपायुक्त द्वारा ऐसे पंचों/सरपंचों को सुनवाई का मौका देना होगा. चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र में उन्होंने उपायुक्तो को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों पर की गई कार्रवाई से राज्य चुनाव आयोग को भी अवगत कराया जाए. जिस किसी व्यक्ति को इस संबंध में कोई शिक़ायत हो तो वह सीधे अपने जिला उपायुक्त के पास भेजें. उन्होंने कहा कि जिस सरपंच व पंच का फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र मिलता है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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