हरियाणा में पंचायती जमीनों से कब्जे हटाने की तैयारियां शुरू, विभाग ने जारी किया नोटिस

चंडीगढ़ | हरियाणा में पंचायती जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है. इस संबंध में पंचायत विभाग की ओर से गांवों में अवैध कब्जे हटवाने को लेकर आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि पंचायती जमीन (Panchayati Land) पर कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएं.

Daan Ki Jameen Donated Land

पंचायत विभाग ने जारी किया नोटिस

जैसा कि आपको विदित है कि शामलात देह व अन्य चरान्द भूमि संबंधित ग्राम पंचायत में निहित करती है और उसकी रक्षा करना संबंधित ग्राम पंचायत व शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों का दायित्व है. ऐसी भूमियों से नाजायज कब्जे हटवाने के लिये समय- समय पर निर्देश जारी किये जाते रहे है.

माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा भी नाजायज कब्जे हटवाने से संबंधित नीति बनाने व कठोर कदम उठाये जाने बारे निर्देश दिये जाते रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद पंचायतों में निहित भूमियों को पूर्णतः कब्जा मुक्त नहीं करवाया जा सका है.

अतः आवश्यक हो जाता है कि संबंधित संस्था अर्थात ग्राम पंचायत या जिन अधिकारियों को हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत अधिकृत किया गया है. इसका कर्तव्य है कि यह अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली पंचायतो की भूमि को नाजायज कब्जों से मुक्त करवाये.

ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 की धारा 7 में प्रावधान है कि संबंधित ग्राम पंचायत, कोई भी ग्रामवासी, समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी पंचायतों में निहित शामलात भूमि से नाजायज कब्जा हटवाने के लिये सहायक कलैक्टर प्रथम श्रेणी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकता है, जिस पर सहायक कलैक्टर प्रथम श्रेणी का कर्तव्य बनाता है कि उस आवेदन पत्र का निर्णय करते हुये यदि कोई व्यक्ति विशेष नाजायज काबिज पाया जाता है तो उसे बेदखल करके पंचायत को भूमि का कब्जा दिलवाये.

धारा 7(5) के अनुसार नाजायज काबिज व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है जिसमें उसे 2 वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है. धारा 7.7 (A) तथा 7 (B) में दिये गये प्रावधानों को तत्पर संदर्भ के लिये नीचे उदृत किया जाता है.

गांव में अधिकार क्षेत्र रखने वाले प्रथम श्रेणी के सहायक कलेक्टर, या तो स्वप्रेरणा से या पंचायत या गांव के निवासी या सामाजिक शिक्षा के खंड विकास और पंचायत अधिकारी और पंचायत अधिकारी, या किसी अन्य अधिकारी द्वारा किए गए आवेदन पर कार्रवाई कर सकते हैं.

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