चंडीगढ़ । पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. यह बात डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि पांचों राज्यों की सीमाओं पर पिलर लगाकर सीमांकन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पानीपत में सीमांकन के लिए पिलर लगाने का काम शुरू हो चुका है. सीमांकन का काम सर्वे ऑफ इंडिया की ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है.
समालखा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक धर्मसिंह छोकर ने विधानसभा में सरकार से सवाल किया कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच लगातार सीमा विवाद हो रहा है, इस पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई अमल में लाई गई है. उन्होंने कहा कि ये विवाद यमुनानगर से लेकर पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल तक है. यमुना नदी के बहाव के कारण अनेक भू-विवाद लंबित है. विधायक ने कहा कि हरियाणा के किसानों पर अपनी जमीन के मुकदमे उत्तर प्रदेश में दर्ज हो रहें हैं, इसमें सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी विधानसभा क्षेत्र के पांच किसानों पर इसी तरह के केस दर्ज हैं, सरकार इस पर संज्ञान ले.
उत्तर प्रदेश वाले मानें तब ना
विधायक ने कहा कि हरियाणा के किसानों का प्रश्न है कि पिलर लगाकर किए गए सीमांकन को क्या उत्तर प्रदेश के लोग मानेंगे. उन्होंने कहा कि पिलर पहले भी लगाएं जा चुके हैं लेकिन यूपी के किसान उन्हें तोड़ कर वहां से हटा देते हैं. उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि यमुना नदी के किनारे की कथित विवादित जमीन हरियाणा के किसानों की है.
विधायक ने कहा कि वहां के किसान जबरदस्ती फसल काट कर ले जाते हैं और विवाद होने पर यूपी के अधिकारी और पटवारी भी उन्हीं का पक्ष लेते हैं. उन्होंने कहा कि फिर से पिलर खड़े करना एक तरह से पैसे की बर्बादी है. हरियाणा सरकार को इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से गंभीरता से बातचीत करनी चाहिए और इसका स्थायी समाधान निकालना चाहिए. इस जमीनी विवाद में कई किसानों की मौत भी हो चुकी है. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
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