चंडीगढ़ । प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा और बड़ी जिम्मेदारी डॉक्टरों के कंधों पर होती है लेकिन हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को सभी सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने हड़ताल में भाग लिया. डाक्टरों के हड़ताल पर जाने से ओपीडी सेवाएं बंद रहीं,जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
हालांकि ओपीडी में हड़ताल रही लेकिन एमरजेंसी सेवाएं चालू रही. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाली 14 तारीख को सभी ओपीडी सेवाओं के अलावा एमरजेंसी सेवाएं और गायनी विभाग में भी ओपीडी को बंद किया जाएगा.
ये हैं मांगे
एसएमओ की सीधी भर्ती न होकर, यह पद प्रमोशन से भरें जाए. डाक्टरों को तीन की बजाय चार एसीपी 4, 9, 13, और 20 में मिलें. विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर तैयार किया जाए.
सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी
डाक्टरों के हड़ताल पर जाने के फैसले से हरियाणा सरकार की नींद खुली और सीएम मनोहर लाल ने एमडी या एमएस डाक्टरों के लिए स्पेशलिस्ट कैडर पद सृजित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. इसके तहत सरकार विशेषज्ञों के लिए एक विशेष सब कैडर बनाएगी, जिन्हें सलाहकार या वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नामित किया जाएगा.
बड़े अस्पताल में होंगे तैनात
विशेषज्ञ कैडर के रूप में डाक्टरों को अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) के बजाय बड़े अस्पतालों में तैनात किया जाएगा. इससे उनकी पदोन्नति जल्द होगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान संकट की स्थिति में समाज में डाक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका है और सरकार उनके कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है. हरियाणा सरकार के इस फैसले को लेकर क्या डाक्टरों की सहमति बनती है या फिर 14 जनवरी को वो सभी सेवाएं बंद कर हड़ताल पर जाएंगे, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
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