खाटू श्याम के इस दिन होंगे दर्शन, अब 16 लाइनों में होंगे दर्शन; जाने से पहले पढ़ें नए नियम

चंड़ीगढ़ | राजस्थान के खाटू श्याम जी की प्रसिद्धि देश से लेकर दुनिया तक है. मंदिर के कपाट बंद होने के कारण बाबा के लोग लंबे समय से बाबा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, अब लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है और जल्द ही बाबा के द्वार खुलने वाले हैं. अभी इसकी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन अगले फरवरी महीने में कपाट खुलने की संभावना है.

khatu shyam ji

मार्च माह में लगने वाले फागुन या लक्खी मेले की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. इस वजह से मंदिर के कपाट खुलने में देरी हो रही है. यह खाटू श्याम मेला हर साल लगता है. यह फाल्गुन के महीने में कई दिनों तक चलता है. इस दौरान खाटू में पैर रखने तक की जगह नहीं होती क्योंकि यहां करोड़ों लोग बाबा के दर्शन के लिए आते हैं.

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क्यों बंद हैं बाबा श्याम के मंदिर के कपाट

बाबा खाटू श्याम मंदिर को पहले की तुलना में बड़ा कर भव्य रूप दिया जा रहा है इसलिए यहां के दरवाजे बंद हैं. अब बाबा के मंदिर में टेढ़ी- मेढ़ी लाइन को सीधी लाइन में बदला जाएगा, जिसके लिए 16 लाइनें बनाई जा रही हैं. इससे श्रद्धालुओं को परेशानी होगी. साथ ही, इसे 40 फीट चौड़ा किया जा रहा है.

इस साल ऐसे होंगे खाटू श्याम बाबा के दर्शन

इस बार श्याम बाबा के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग के अलावा उम्र को लेकर भी कुछ नियम बनाए गए हैं. मंदिर के कपाट खुलने के बाद, भक्तों को सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा तभी वो मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. नए नियम के मुताबिक, अब 10 साल से छोटे और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए बुकिंग नहीं करानी होगी. बाबा खाटू श्याम के दर्शन के लिए 20 सेकेंड का समय मिलेगा. इसके अलावा, मंदिर जाने से पहले चेक कर लें कि आपकी बुकिंग कंफर्म हुई है या नहीं. बिना बुकिंग कंफर्मेशन के आप मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

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राजस्थान के सीकर में है खाटू श्याम

खाटू वाला श्याम राजस्थान के सीकर में बसा हुआ है. यहां केवल बाबा के सिर की पूजा की जाती है और इसे कलयुग का देवता कहा जाता है. सीकर के पास रींगस में बाबा की सूंड की पूजा की जाती है. बाबा श्याम की कहानी महाभारत से संबंधित है. इस वर्ष बाबा खाटू श्याम का मेला 6 मार्च से 15 मार्च 2023 तक चलेगा. यह खाटू श्याम मेला 10 दिनों तक चलता है जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते हैं. बाबा खाटू श्याम का जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुआ था. इसे हम देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस साल बाबा का जन्मोत्सव 22 नवंबर को मनाया जाएगा.

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