Deputy CM दुष्यंत चौटाला की अधिकारियों को फटकार, बोलें- सरकारी बॉस नहीं, जनता के सेवक बनकर करें काम

चंडीगढ़ । अपने विभागों से संबंधित कार्यों में देरी को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अधिकारियों से सख्ती भरें लहज़े में बातचीत करते नजर आए. उपमुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में देरी के लिए सीधे तौर पर विभाग के आला अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है. दुष्यंत चौटाला ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लोक निर्माण कार्यों में खर्च की जाने वाली धनराशि को लेकर किसी भी सूरत में कोताही नहीं होनी चाहिए. अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि न तो सरकार द्वारा आवंटित धनराशि खर्च करने में किसी प्रकार की लापरवाही हों और न ही प्रोजेक्ट्स में जनता को समर्पित करने की तय समय-सीमा में देरी हो.

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मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी सीएम ने दो टूक कहा कि यदि कोई प्रोजेक्ट प्रशासनिक स्तर पर लेट होता है तो उसके लिए संबंधित अधिकारीयों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और इसकी वसूली अधिकारियों की तनख्वाह से की जाएगी. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में 25-50 करोड़ रुपए की लागत से चल रहे सड़क, फ्लाईओवर, हस्पताल सहित अन्य भवनों के निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जानीं.

जनसेवक की तरह काम करें अधिकारी

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अधिकारी अपने-2 ऑफिसों में सरकारी बॉस की तरह काम न करें , बल्कि एक जनसेवक की तरह काम करें. इसके लिए अधिकारी खुद चंडीगढ़ अथवा पंचकूला स्थित दूसरे विभागों का दौरा करें और आपसी तालमेल से अड़चनों को दूर करवाकर फाइल वर्क स्वयं पूरा करवाएं ताकि जनता को समय पर सड़क,पुल, हस्पताल व अन्य सरकारी भवनों की सुविधा समय पर उपलब्ध हों सकें.

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उन्होंने प्रोजेक्ट्स में देरी को लेकर न केवल संबंधित सर्कल अधिक्षक अभियंताओं से जवाबतलब किया, बल्कि देरी को लेकर प्रोजेक्ट के ठेकेदारों से भी वजह पूछी. दुष्यंत चौटाला ने ठीक से काम नहीं करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि कोई ठेकेदार समय-सीमा की अवधि में अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करता है तो उसे जुर्माना भुगतान पड़ेगा.

साइट विजिट करें अधिकारी

डिप्टी सीएम ने बैठक के दौरान कहा कि जनहित के निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा पर पूरा करने के लिए अधिकारी खुद साइट विजिट करें . उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इंजिनियर इन चीफ हर तीन महीने में अधिकारियों की बैठक लें. सर्कल में अधिक्षक अभियंता हर महीने और कार्यकारी अभियंता हर 15 दिन में बैठक कर प्रोजेक्ट्स की प्रगति रिपोर्ट चेक करें और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजें. बैठक में विभिन्न प्रोजेक्ट्स की लागत आखिरी समय में रिवाइज करने के चलन पर रोक लगाने को लेकर भी उपमुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाई और कहां कि यदि किसी प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने की उम्मीद है तो आधा प्रोजेक्ट पूरा होते ही अतिरिक्त लागत के लिए रिपोर्ट तैयार करें.

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