चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार का एक अजीबोगरीब फैसला हर किसी को हैरानी में डाल रहा है. दशहरे पर रावण दहन के साथ ही रामलीला का दौर खत्म हो चुका है लेकिन अब सरकारी स्कूलों में छोटे बच्चे रामलीला करते दिखाई देने वाले हैं. दिवाली के बाद 26 अक्टूबर से रामलीला की रिहर्सल शुरू होगी और फिर 11 नवंबर को सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बाल रामायण प्रतियोगिता होगी जिसमें छोटे-छोटे बच्चे राम से लेकर रावण तक का किरदार निभाएंगे.
शिक्षा निदेशालय का कहना है कि निपुण हरियाणा मिशन के तहत बाल रामायण प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी. इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना संयोजक और खंड शिक्षा अधिकारी को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों को शुद्ध उच्चारण और रोल प्ले के जरिये संवाद दक्षता में निपुण बनाने तथा रामायण के पात्रों के जरिये उनमे नैतिक और बौद्धिक स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है.
शिक्षा विभाग ने सभी प्राइमरी स्कूलों में 26 अक्टूबर से 10 नवंबर तक रामायण के पात्रों और उनके किरदार की रिहर्सल करने के आदेश दिए गए हैं ताकि 11 नवंबर को अच्छे तरीके से पूरी तैयारियों के साथ बच्चे रामायण का मंचन कर सकें. इसके साथ ही शिक्षकों को रामलीला मंचन की तीन से चार मिनट की वीडियो बनाकर इसे ट्विटर और फेसबुक के जरिये हैशटैग #निपुण_हरियाणा #निपुण_रामायण और #निपुण_एफएलएन पर भेजने के निर्देश दिए गए है.
शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रतियोगिता में बाल रामायण का जो मंचन सबसे अच्छा होगा उसे निपुण हरियाणा के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक पेज पर प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा. रामलीला मंचन की खास बात यह रहेगी कि इसमें केवल पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को शामिल किया गया है. इसके अलावा कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में भी बाल रामायण लागू की गई है ताकि छात्रों में भाषा शिक्षण के प्रति रुचि पैदा हो.
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