चंडीगढ़ | बिना मान्यता के चल रहे प्रदेश के हजारों स्कूलों को हरियाणा सरकार ने बड़ी राहत दी है. दरअसल, लंबे समय से सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों के लिए बनाए गए नियमों की पालना ना कर पाने के कारण उन्हें मान्यता नहीं दी जा रही थी. ऐसे में बच्चों को रेगुलर परीक्षा दिलवाना बहुत से निजी स्कूलों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था लेकिन अब प्रदेश सरकार के इस फैसले से उन्हें कुछ हद तक राहत प्रदान हुई है.
बता दें कि हर साल प्राइवेट स्कूल संचालक सरकार से इस तर्क पर रिलीफ मांगते रहते थे कि लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा लेकिन इस बार शिक्षा विभाग ने सख्त रवैया अपनाया था. जिसके बाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के चेयरमैन कुलभूषण शर्मा के नेतृत्व में स्कूल संचालकों का एक डेलिगेशन प्रदेश के शिक्षा मंत्री- अतिरिक्त मुख्य सचिव और डायरेक्टर से मिला था. इस मुलाकात के बाद शिक्षा विभाग ने विचार करते हुए मात्र इस साल के लिए रेगुलर परीक्षा दिलाने पर सहमति प्रदान की है.
शिक्षा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह अंतिम अवसर है लेकिन इसके बाद सरकार के नियमों को पूरा करना अनिवार्य होगा. वहीं, कुलभूषण शर्मा ने बताया कि भूमि संबंधित नियम पूरा कर पाना शिक्षा विभाग के लिए मुश्किल बना हुआ है क्योंकि नियम 2003 में बनाए गए थे और बहुत से स्कूल 2003 से पहले के चल रहे हैं. जिसके चलते स्कूलों के आसपास जमीन उपलब्ध न होने की वजह से खरीदना असंभव हो गया है.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन चैयरमेन ने बताया कि बाकी नियम जैसे पर्याप्त कमरें और अध्यापकों की उपलब्धता आदि निजी स्कूल पूरे कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार को इस मामले पर संज्ञान लेते हुए इन नियमों में बदलाव करना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य अधर में न लटकें.
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