चंडीगढ़ | लोकसभा चुनाव के चलते हरियाणा में आदर्श आचार संहिता लग चुकी है, लेकिन चुनाव आचार संहिता हाई कोर्ट के किसी फैसले को लागू करने में बाधा नहीं हो सकती है. फैसले को लागू न करने का यह महज बहाना है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने हरियाणा में कांस्टेबल की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट का फैसला लागू नहीं करने पर यह टिप्पणी की है.
फैसला न मानना एक बहाना
इस बारे में कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर की गई तो हरियाणा के डीजीपी की तरफ से बताया गया कि चुनाव आचार संहिता के चलते फैसले को लागू नहीं किया गया. हाई कोर्ट का कहना है कि यह फैसला न मानने का सिर्फ एक बहाना है. आचार संहिता फैसले को लागू करने में बाधा नहीं है.
जस्टिस राजबीर सिंह सेहरावत ने कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अक्सर राज्य सरकारें बहाना देती हैं कि चुनाव आचार संहिता के चलते फैसले को लागू नहीं किया गया.
आचार संहिता फैसले को लागू न करने का नहीं हो सकती आधार
हाई कोर्ट ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक कि कोर्ट किसी मामले में खास तौर पर रोक का कोई आदेश जारी न करे तब तक किसी भी फैसले को लागू करना ही होगा. अगर यह कहा जाता है कि चुनाव आचार संहिता के चलते फैसले को लागू नहीं किया गया, तो इसे फैसला न मानने का बहाना समझा जाएगा.
जस्टिस सेहरावत ने फैसले में साफ कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से लगाई गई चुनाव आचार संहिता हाई कोर्ट के फैसले को लागू न करने का आधार नहीं हो सकती. सेहरावत का कहना है कि हरियाणा, पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन बहुत से मामलों में यह दलील दे रहे हैं कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते फैसले को लागू नहीं किया जा रहा. ऐसे में जरूरी है कि हाई कोर्ट इस स्थिति को साफ करें.
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