चंडीगढ़ । हरियाणा की बिजली कंपनियां अब कारपोरेट घरानों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कार्यों को लेकर जिम्मेदारी लेंगी. बिजली निगमों के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सीएसआर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड का ब्यौरा मांगा है. बिजली कंपनियां अब ग्रामीण और गरीब बच्चों के लिए लाइब्रेरी और कंप्यूटर जैसे कार्यक्रमों को करवाएंगे. हरियाणा बिजली निगमा ने इस विषय को लेकर मीटिंग की है.
मुख्य सचिव पीके दास ने सीएसआर फंड की धनराशि का उपयोग कैसे और कहां करेंगे इसकी जानकारी भी ली है.अब उक्त फंड का उपयोग पहले चरण के अंदर उन गांवों में किए जाएगा. जहां सरकार की योजना म्हारा गांव जगमग गांव के अंदर आने वाले गाँवो में बिजली बिजली बिल समय पर भरे जा रहे है ता नहीं इस चीज़ की भी जानकारी मांगी है.
सामाजिक कार्य करने की रणनीति तैयार की गई है. इसके तहत ग्राम पंचायत भूमि भवन आदि का व्यवस्था कर देते है, तो उस सूरत में गांव के अंदर लाइब्रेरी एवं कंप्यूटर आदि की व्यवस्था की जाएगी. कहा जा रहा है कि सबसे पहले जगमग गांव में कारपोरेट सोशल फंड का इस्तेमाल होगा. गांव में पंचायत घर चौपाल के अलावा सामाजिक जगह का इस्तेमाल लाइब्रेरी और कंप्यूटर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए किया जाएगा. इन फंडो का उपयोग गरीब बच्चों के लिए करेंगे.
बच्चों की मदद करेंगे
उन्होंने बताया कि मैथ और साइंस वाले बच्चे और इसमें अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को अच्छी पढ़ाई और साथ में उनके करियर को लेकर उनकी मदद करेंगे. बच्चों को बिजली के काम के साथ उसकी नॉलेज के अलावा बहुत सी चीजों का ज्ञान देंगे .
होनहार इंजीनियर देंगे गुरु मंत्र
मुख्य सचिव पीके दास चाहते हैं कि बिजली निगमों के होनहार इंजीनियर और तकनीकी रूप से मजबूत अधिकारियों का उपयोग किया जाए. यह अधिकारी स्वेच्छा से ग्रामीण गरीब बच्चों को विभाग की कार्यप्रणाली के साथ साथ आगे बढ़ने वे रोजमर्रा के कामकाज की जानकारी देकर आने वाले समय के लिए तैयार करेंगे. यह एक तरह का सामाजिक काम होगा जिसके लिए उन सभी को निगमों की ओर से प्रशंसा पत्र भी दिए जाएंगे.
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