चंडीगढ़ | हरियाणा में 5 लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर कांग्रेस पार्टी (Haryana Congress) जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उत्साहित नजर आ रही है तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के शीर्ष नेताओं की अंतर्कलह इस अभियान को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचा रही है. धड़ों में बंटी कांग्रेस के नेताओ के बयानों से जहां गुटबाजी जगजाहिर हो रही है तो वहीं, अब पदयात्रा से भी जगजाहिर हो रहा है कि सूबे के नेता अलग-अलग राहों पर चल पड़े हैं.
हुड्डा के बाद अब शैलजा की यात्रा
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा की इन दिनों ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ न्याय यात्रा चल रही है. हालांकि इस यात्रा से कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने दूरी बनाई हुई है. वहीं, अब कुमारी शैलजा ने भी अलग से 27 जुलाई से अंबाला से पदयात्रा निकालने का कार्यक्रम जारी कर दिया है. ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि दोनों गुट एक-दूसरे से पीछे रहने के मूड में नहीं है.
गुटों में बंटी कांग्रेस पार्टी
हरियाणा में एक तरफ जहां हुड्डा गुट एक्टिव हैं जबकि दूसरा गुट कुमारी सैलजा, सुरजेवाला और किरण चौधरी (SRK) का था लेकिन किरण चौधरी अब बीजेपी में शामिल हो चुकी है. जबकि रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा साथ है. लोकसभा चुनावों के नतीजों के कुछ दिन बाद हरियाणा कांग्रेस की एक बैठक हुई थी जिसमें जीतकर आए 5 सांसदों में से 4 ने भुपेंद्र हुड्डा के साथ मंच साझा किया था जबकि कुमारी शैलजा वहां नहीं पहुंची थी.
कुमारी शैलजा ने दी प्रतिक्रिया
पिछले दिनों पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारी शैलजा ने खुलकर अपनी राय रखते हुए भुपेंद्र हुड्डा को निशाने पर लिया. हुड्डा द्वारा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश के सवाल पर शैलजा ने कहा कि जो हो रहा है, वह सबके सामने है. वह इंचार्ज हैं और इनका काम करने का अपना तरीका है.
कुमारी शैलजा ने कहा कि वह सारी बातें मीडिया के सामने नहीं कहता चाहती है लेकिन बहुत सी बातें जगजाहिर हो चुकी है. दीपेंद्र हुड्डा की पदयात्रा पर उन्होंने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. लेकिन बहुत सी बातें सबके सामने है. कई बड़े नेता पार्टी का दामन छोड़कर जा चुके हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं.
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