हरियाणा के शिक्षा मंत्री का झूठा वादा: बच्चों को नहीं मिला फ्री टैबलेट, किताबों के लिए भी खातों में नहीं आए पैसे

चंडीगढ़ | कोरोना महामारी के कारण हरियाणा सरकार ने भी देशभर कि तरह हरियाणा के स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया था. जिसके बाद स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम के जरिए पढ़ाई हुई लेकिन अधिकतर बच्चे मोबाइल या लैपटॉप ना होने के कारण कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं. इसी समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उस दौरान बड़ा फैसला लिया था.

हरियाणा सरकार की ओर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक राज्‍य में 8 लाख 6 हजार विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जाने की घोषणा की थी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस सत्र में टैबलेट उन विद्यार्थियों को दिए जाने हैं, जिनके नाम पोर्टल पर पंजीकृत है. बोर्ड ने दावा किया था कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के शुरू होने से पहले बच्चों को टैबलेट मिल जाएगा.

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लिहाजा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में टैब वितरण संबंधी तैयारियों की समीक्षा भी हुई थी. जिसमें बताया गया था कि टैब शिक्षण एवं पाठन सामग्री के साथ लोडेड होंगे, इससे छात्रों के सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी. बच्चे कक्षा में, बाहर तथा घर पर भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे.

इन टैब में ‘अवसर ऐप ऑनलाइन सामग्री’, पीडीएफ पुस्तकें, क्यूआर कोडिड एनसीईआरटी सामग्री, एजुसेट वीडियो, दीक्षा ऑनलाइन सामग्री, शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए यू-टयूब वीडियो, शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए प्रश्न बैंक और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनईडीए) और राष्ट्रीय शिक्षक परीक्षा (एनटीई) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित सामग्री शामिल होने की बात भी कही गई थी.

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इन तमाम वादों के बीच जमीनी सच्चाई यह है कि हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक बच्चों को टैबलेट वितरित नहीं किए गए हैं. महामारी की दूसरी लहर के बाद प्रदेश के भीतर स्कूल फिर से बंद है और पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से ही हो रही है. जिस कारण अधिकतर विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे है क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से वादे के मुताबिक बच्चों को टैबलेट वितरित नहीं किए गए.

वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने यह भी वादा किया था कि बच्चों के खाते में किताबें खरीदने के लिए 200-300 रुपए तक की राशि जमा की जाएगी लेकिन अभी तक बच्चों के खातों में किसी भी प्रकार की धनराशि जमा नहीं की गई है. सौ बात की एक बात यह है कि सरकार ने बच्चों को फ्री टैबलेट और किताबें देने का वादा तो किया लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है जिसका सीधा प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

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इस मामले के ऊपर जब शिक्षा विभाग से प्रश्न किए जाते हैं तो अधिकतर समय उनका यही जवाब रहता है कि विभाग द्वारा बच्चों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है और जल्द ही वादे के मुताबिक बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. वर्तमान स्थिति यह है कि सरकार की तरफ से मामले को लेकर कोई अपडेट नहीं है और बच्चे इंतजार में ही रह गए हैं.

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