चंडीगढ़ | हरियाणा में बागवानी खेती करने के लिए खट्टर सरकार द्वारा लगातार विज्ञापनों के माध्यम से जागरूक किया जाता है. मगर फिर भी किसानों को बागवानी खेती करने से डर लगता है. मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है. बता दें कि रामविलास ने अपनी छत पर एक मिनी-फॉरेस्ट उगा लिया है जो चिलचिलाती गर्मी में उनके घर और आसपास को ठंडा रखता है. रामविलास ने अपने चार मंजिला घर की चौड़ी छत को एक बगीचे में बदल दिया है जो अब हजारों सब्जियों, फलों, फूलों और अन्य पौधों का घर है.
यूट्यूब चैनल में तीन लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स
रामविलास की छत पर प्लास्टिक की पुरानी बाल्टियों, कंटेनरों, मिट्टी के बर्तनों, ड्रमों और सीमेंट के गमलों में 4,000 पौधे लगाए गए हैं. करीब 25 साल पहले उन्होंने महज आठ छोटे गमलों से बागवानी शुरू की थी. इतना ही नहीं, उनका एक यूट्यूब चैनल भी है जहां वह तीन लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के साथ गार्डनिंग के टिप्स शेयर करते हैं. वह 100 से अधिक छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित करते हैं.
फूल और फल हैं उगाते
उनके बगीचे में गुड़हल, चमेली, गुलाब, आर्किड, कैक्टस, गुलदाउदी, सिनेरेरिया, सूरजमुखी, डाहलिया, पेटुनिया और कई अन्य पौधों की कई किस्में हैं. इससे उनकी छत फूलों की घाटी जैसी दिखाई देती है. वह बैंगन, मशरूम, मिर्च, नींबू, लौकी, टमाटर, तोरी, गोभी, और चुकंदर जैसी सब्जियां और पपीता, चीकू, केला, अमरूद, आम और स्ट्रॉबेरी जैसे फल भी उगाते हैं.
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विदेशियों ने भी साराहा
आगे बताया कि उन्होंने बागवानी वीडियो देखकर या दूसरों को शौक में लिप्त होकर नहीं सीखी है. उन्होंने कहा कि उनका यह कौशल अभ्यास, अनुभव और पौधों के प्रति प्रेम के कारण आया है. रामविलास सिंह के टैरेस गार्डन को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों के साथ-साथ इंग्लैंड और फ्रांस से आने वाले लोगों ने भी सराहा. रामविलास के इस कौशल को विदेशों में भी पहचान मिल रही है.
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