चंडीगढ़ | पंजाब और हरियाणा से किसान आंदोलन 2 का बिगुल बज चुका है. पंजाब से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली कूच करने की तैयारी में है. ये किसान अमृतसर दिल्ली- नेशनल हाईवे के जरिये हरियाणा में घुसने की तैयारी में हैं. हरियाणा की मनोहर सरकार ने इन किसानों को रोकने के लिए अंबाला में शंभू बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद की है. सीमा पर बैरिकेडिंग की गई है और बड़े- बड़े पत्थर लगाकर हाइवे को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया है.
किसानों के आंदोलन फिर से शुरू करने की वजह
हम यहां आपको बताते हैं कि आखिर किसान फिर से क्यों आंदोलन की राह पर है. किसानों की सबसे बड़ी मांग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर है. किसानों की कुल मुख्य 12 मांगे हैं. इन मांगों को लेकर किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच 12 फरवरी को चंडीगढ़ में हुई बैठक बेनतीजा रही है. ऐसे में 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच के लिए आर- पार का ऐलान कर दिया है.
किसानों की 12 मुख्य मांगें
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने.
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो.
- किसान- खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 दोबारा लागू किया जाए.
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए.
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए.
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए.
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.