चंडीगढ़ | दिवाली पर्व पर हरियाणा- एनसीआर क्षेत्र में शामिल जिलों को प्रदुषण की मार से बचाने के लिए सूबे की नायब सैनी सरकार निरंतर प्रयासरत हैं. खुली हवा में सांसों पर पहरा लगाने वाले प्रदुषण से निपटने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने पराली जलाने के आरोप में 100 से ज्यादा किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की है. इसके अलावा 400 के करीब किसानों के चालान काटे गए हैं. पराली जलाने वाले किसानों से करीब 10 लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए गए हैं.
25 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी सस्पेंड
प्रदुषण से निपटने की दिशा में काम कर रही प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई सिर्फ किसानों पर ही नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाह नहीं करने वाले नोडल अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्ती बरती गई है. सरकार ने 25 से ज्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों को सस्पेंड किया है.
हरियाणा में पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई है जब अधिकारियों को प्रदूषण फैलाने के प्रति जवाबदेह माना गया है. इन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में न तो ठीक से निरीक्षण किया और न ही किसानों को पराली जलाने से रोकने में कामयाब रहे. 250 से ज्यादा ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद हरियाणा सरकार ने किसानों और अधिकारियों के खिलाफ यह सख्ती बरती है. हरियाणा व पंजाब के मुख्य सचिवों को सुप्रीम कोर्ट ने पिछली पेशी पर गैर जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी थी. हालांकि, हरियाणा पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामलों में करीब 40% तक की कमी आई है.
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