चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी- अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. वहीं, 10 साल बाद सत्ता वापसी की बाट जोह रही कांग्रेस पार्टी के नेताओं की लालसा कहीं- न- कहीं इस अभियान को कमजोर कर रही है. न ही अभी पार्टी की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, न ही नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं और मतदान की तारीख में तो अभी लंबा टाइम बचा है, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदारों की लंबी कतार जरूर खड़ी हो गई है.
शैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने तो यहां तक कह दिया है कि वह हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. सैलजा मुखर हुई हैं तो कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जो सीएम बनने की अपनी चाहत दबाए बैठे हैं. कांग्रेस के इन दिग्गजों की निगाहें भी कुर्सी पर बराबर टिकी हुई हैं.
बाबरिया के बयान को समझा गया अधूरा
बता दें कि हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाल ही में बयान दिया था कि लोकसभा और राज्यसभा सांसद विधानसभा चुनाव नहीं लडेंगे. उनके इस बयान पर कुमारी शैलजा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दीपक बाबरिया के बयान को अधूरा पढ़ा और समझा गया है. इसके साथ ही, यह भी कहा है कि यदि कांग्रेस हाईकमान अनुमति देगा तो लोकसभा और राज्यसभा सांसद विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. शैलजा ने कहा कि मैं हर हाल में विधानसभा चुनाव लडूंगी और इसके लिए कांग्रेस हाईकमान से अनुमति लेनी पड़ी तो लूंगी.
हुड्डा- सुरजेवाला भी उतर सकते हैं रण में
कुमारी शैलजा के इस स्टैंड और सुरजेवाला की मूक सहमति के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की लड़ाई ज्यादा तेज होने वाली है. शैलजा को इस मुद्दे पर सुरजेवाला का समर्थन मिल सकता है. यदि कुमारी शैलजा विधानसभा के चुनावी रण में उतरती है, तो फिर दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला की ओर से भी विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रयास किया जा सकता है ताकि उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी किसी तरह भी कमजोर ना पड़ सके.
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