चंडीगढ़ । हरियाणा में 1 फरवरी से स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है, यह बात तो आप सभी जानते हैं. इसके साथ ही छात्रों को किन नियमों का पालन करना होगा, इसको लेकर सरकार ने स्कूल में प्रवेश के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं.
इन विद्यार्थियों को मिलेगी अनुमति
दसवीं से बारहवीं कक्षा के उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति मिलेगी जिन्होंने कम से कम कोरोना की पहली ड़ोज लगवा ली होगी. अगर एक भी टीका नहीं लगा होगा तो उस परिस्थिति में छात्र को स्कूल में अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन/ मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा जारी रखते हुए विद्यालय खोले जा रहे हैं. साथ ही ऐसे विद्यार्थी जो ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति रहेगी.
माता पिता की अनुमति जरूरी
दूसरी तरफ स्कूल में पढ़ने के लिए छात्र को अपने माता-पिता की अनुमति भी लेनी होगी.अगर कोई छात्र अनुपस्थित भी रहता है तो इसके लिए किसी भी तरह का जोर नहीं दिया जाएगा. वह अपनी मर्जी से कक्षा में उपस्थित या अनुपस्थित रह सकता है. इसके लिए छात्र पर किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया जाएगा. साथ यह पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर ही निर्भर होगा. फिलहाल कक्षा पहली से आठवीं तक के लिए अगले आदेशों तक संभावित स्थिति बनी रहेगी. उनके लिए ऑनलाइन माध्यम से ही कक्षाएं जारी रहेंगी
इसलिए लिया गया स्कूल खोलने का फैसला
हरियाणा सरकार के इस कदम से हर कोई अचंभव में है. इस बीच सरकार द्वारा स्कूलों को खोलना सबको हैरान कर रहा है.आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए की नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का सबसे बड़ा कारण 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को कोरोना वैक्सीन लगना है. सरकारी स्कूलों के करीब 67% किशोरों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है. जिस वजह से सरकार तीसरी लहर के बीच बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलना चाहती है.
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