चंडीगढ़ | हरियाणा में 4 दिन बाद बाढ़ से राहत नहीं मिली है. 11 जिले अभी भी प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं. इनमें अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकुला, झज्जर, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत व अन्य यमुनानगर शामिल हैं. इन जिलों के लगभग 855 गांवों में अब भी पानी जमा है.
पुलिस प्रशासन ने तैनात किया पुलिस बल
वहीं, घग्गर नदी का पानी अब फतेहाबाद में तबाही मचा रहा है. तीन ब्लॉकों में स्थिति बहुत ज्यादा खराब है. इन्हें देखते हुए जिला उपायुक्त मंदीप कौर ने रतिया, टोहाना और जाखल ब्लॉक के स्कूलों की छुट्टियां 23 जुलाई तक बढ़ा दी हैं. इसी के साथ ही रतिया शहर के पास घग्घर नदी पर बने पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यहां पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
आज भी चंडीगढ़ मौसम विभाग ने 3 जिलों पंचकुला, अंबाला तथा यमुनानगर में भारी बारिश के संकेत दिए हैं. शुक्रवार की सुबह जल निकासी को लेकर लोग उनसे मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे. उधर सिरसा जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसका कारण यह है कि घग्गर में 27 हजार 500 क्यूसेक पानी पहुंच चुका है. 12 घंटे में नदी में 7 हजार क्यूसेक पानी बढ़ गया है. यहां पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है.
जानिए हरियाणा के जिलों में बाढ़ के हालात
कलनाल से मात्र 6 किमी. दूर पानी: अब बाढ़ का पानी करनाल शहर से महज 6 किलोमीटर दूर ही है. अगर यह पानी शहर में घुस गया तो रिहायशी इलाकों में बड़ी तबाही मच जाएगी. राहत की बात यह भी है कि यमुना का जलस्तर कुछ मीटर कम हो गया है.
स्कूलों में पानी जमा, प्रशासन की ओर से मिली बच्चों को छुट्टी: अंबाला के 750 स्कूलों में से 430 और कुरुक्षेत्र के 203 सरकारी स्कूलों में पानी जमा हो गया है, जिससे शिक्षा के मंदिर की छुट्टी कर दी गई है. इस कारण स्कूलों को बंद करना पड़ा है.
बाढ़ से अब तक 16 की मौत: राज्य में अभी तक 16 लोगों की मौत भी हो चुकी है, 2 लोग घायल भी हुए हैं. इसके अलावा, 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं. 126 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और 106 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सरकार की ओर से अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पानीपत में सेना बुला ली गई है. सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित इलाकों से अब तक 3,674 लोगों को बचा लिया है.
1.24 लाख हेक्टेयर फसल को पहुंचा नुकसान: हरियाणा में बाढ़ के कारण फसलों को भी काफी मात्रा में नुकसान हो रहा है. अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार 1.24 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है. वहीं बारिश के कारण कई सड़कों और फ्लाईओवरों को भी काफी नुकसान पहुंचा है.
जीटी रोड बेल्ट के गांवों में सबसे ज्यादा असर: सबसे खराब स्थिति जीटी रोड बेल्ट की दर्ज की गई है. इस बेल्ट के छह जिलों अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और पानीपत के लगभग 585 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. इन गांवों का संपर्क जिला सक्ट्रेट से कट गया है. कैथल व कुरूक्षेत्र जिले की हालत पहले से भी ज्यादा खराब बताई गई है. पंजाब राज्य के खनौरी में फ्लाईओवर टूट जाने से संगरूर का संपर्क भी अब कैथल से कट गया है. अंबाला जिले का संपर्क पहले ही पटियाला से कटा हुआ है. घग्गर नदी का पानी चीका शहर में आकर जमा हो गया है. पानीपत जिले में यमुना का जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि, यह अभी भी खतरे के निशान के करीब है. यमुना का खतरे का निशान 231.50 मीटर तक है.
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