चंडीगढ़ | हरियाणा में मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटी (MBBS) की फीस में बढ़ोतरी को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच हरियाणा सरकार ने साल 2022-23 के लिए प्रवेश संबंधी नियम तय कर दिए हैं. नए साल में फीस स्ट्रक्चर में भले ही कोई बदलाव नहीं किया गया हो लेकिन निजी कालेजों में 50% सीटों पर स्टूडेंट्स को सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर ही फीस देनी होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने मार्च में इस संबंध में घोषणा की थी जिसे प्रदेश की मनोहर सरकार ने लागू कर दिया है.
स्टेट कोटे से भरी जाएंगी 50% सीटें
निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटें स्टेट कोटे से भरी जाएंगी यानि इन सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों जितनी ही फीस लगेगी. इन पर हरियाणा के युवाओं का हक होगा. राज्य के आरक्षित कोटे का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को 1 लाख रुपए आनलाइन जमा कराने होंगे.
हालांकि, बाद में इस राशि को पहले साल की फीस में एडजस्ट कर दिया जाएगा और एडमिशन न होने की सूरत में इस राशि को वापस लौटा दिया जाएगा. निजी मेडिकल कॉलेजों में बाकी की 50% सीटों में से 15% NRI के लिए आरक्षित रहेगी. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटें अखिल भारतीय मेरिट और बाकी 85% सीटें स्टेट मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS करने के लिए स्टूडेंट्स को प्रथम वर्ष 80 हजार रुपए फीस के रूप में देने होंगे जबकि इसके बाद प्रत्येक वर्ष फीस में 10% की बढ़ोतरी होती रहेगी. ESIC मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद में यह फीस प्रत्येक वर्ष 1 लाख रुपए रहेगी. सरकार से सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में 2 लाख 13 हजार 340 रुपए वार्षिक शुल्क के अलावा 30 हजार रुपए की प्रतिभूति राशि और छह हजार रुपए की काजन मनी देनी होगी. BDS कोर्स के लिए 52,090 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा.
रोहतक पीजीआई से संबंधित निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रति वर्ष 12 लाख रुपए फीस जमा करवानी होगी, जिसमें हर साल 7.5% की बढ़ोतरी होती रहेगी. इसके अलावा दो लाख रुपए प्रतिभूति राशि के साथ ही अन्य चार्ज भी देने होंगे. BDS कोर्स के लिए 2.80 लाख रुपए सालाना फीस लगेगी जिसमें हर साल 5% की बढ़ोतरी होती रहेगी.
निजी चिकित्सा विश्वविद्यालयों में MBBS के लिए सालाना फीस 18 लाख रुपए और दो लाख रुपए काजन मनी देनी होगी. BDS कोर्स के लिए 3.5 लाख रुपए सालाना फीस लगेगी. हरियाणा में वर्तमान में कुल 1850 MBBS सीटें हैं और साल 2025 तक इस आंकड़े को 3035 करने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि हरियाणा में साल 2020 से पहले MBBS कोर्स पर कुल 4 लाख रुपए खर्च आता था लेकिन नई नीति लागू होने पर यह खर्च बढ़कर 40 लाख रुपए हो गया है.
भरना होगा बांड
कोविड काल में बांड भरने से बचने वाले पुराने मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ ही नए स्टूडेंट्स के लिए बांड भरना अनिवार्य होगा वरना MBBS में एडमिशन नहीं मिलेगा.
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