चंडीगढ़ | हरियाणा में वन विभाग में भर्ती के लिए महिला अभ्यर्थियों की भी छाती नापी रही है. अब इस बारे में हरियाणा सरकार (Haryana Govt) द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है. पिछले साल जुलाई में वन विभाग में भर्ती के लिए सरकार ने महिला अभ्यर्थियों की छाती का सामान्य आकार 74 सेंटीमीटर और फुलाने पर 79 सेंटीमीटर छाती की शर्त शामिल की थी, जिसका काफ़ी विरोध किया गया.
नहीं लिया जाएगा महिलाओं के छाती का नाप
विवाद होने के बाद तत्कालीन हरियाणा सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि ऐसी सभी भर्तियां इन्हीं शारीरिक मानकों के आधार पर होती रही हैं. पहले भी इन शारीरिक मानकों के आधार पर 22 महिला वन रक्षकों और चार महिला वनपालों की भर्ती हुई थी, पर विरोध के चलते अब इस नियम को हटा दिया गया है. सरकार के नए फैसले के मुताबिक, रेंजर- डिप्टी रेंजर सहित अन्य पदों के लिए महिलाओं के शारीरिक माप टेस्ट (पीएमटी) में छाती का नाप नहीं लिया जाएगा.
कांग्रेस ने जमकर किया था बवाल
पिछले वर्ष 7 जुलाई को वन विभाग में रेंजर, डिप्टी रेंजर और अन्य पदों के लिए महिलाओं के पीएमटी में छाती का नाप लिया गया था, जिसके बाद विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने इसे लेकर बहुत हल्ला किया था. इसी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा वन सेवा (कार्यकारी) ग्रुप सी नियम में बदलाव के आदेश दिए थे, जिसमें महिला उम्मीदवारों की छाती का सामान्य आकार 74 सेंटीमीटर या फुलाकर 79 सेंटीमीटर की अनिवार्यता रखी गई थी. अब नियम बदल दिए गए है जिससे महिला अभ्यर्थियों को काफी राहत मिलेगी.
पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए है. इसके लिए हरियाणा राज्य वन कार्यकारी शाखा ग्रुप C सेवा (संशोधन) नियम को बदला गया है. अब न सीधी भर्ती, न पदोन्नति और न ही स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति के मामलों में महिलाओं को पीएमटी के दौरान असहज स्थिति से गुजरना होगा.
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