चंडीगढ़ । पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में चर्चा के दौरान पेपर लीक और भर्ती मामलों की जांच सीबीआई से करने की मांग उठाई. साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में नौकरियों को परचून की दुकान पर राशन की तरह बेचा जा रहा है. भर्ती पेपर लीक करने से लेकर नौकरी लगने तक हर एक चीज के रेट तय किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को सच्चाई का पता लगाना है तो एक कमेटी का गठन क्यों नहीं किया जा रहा, जो लोगों से जिला स्तर पर बात करें.
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उठाए पेपर लीक को लेकर सरकार पर सवाल
वही तंज कसते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पर्ची और खर्चे की बात करने वाली सरकार ने लखी और किरोड़ी घोटालेबाज पैदा कर दिए. आज ऐसे लोग सक्रिय हो गए हैं, जो नौकरियां लगवाने के लिए लाखों और पेपर लीक करवाने के करोड़ों रुपए लेते हैं. वही उन्होंने भर्ती पेपर लीक को लेकर आने वाले नए कानूनों का समर्थन किया और उसमें कुछ सुधार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि नया कानून अपनी जगह है, लेकिन भूतकाल में जिन लोगों ने एक के बाद एक पेपर लीक करवाए और भर्ती घोटालों को अंजाम दिया सरकार उन पर कार्यवाही से परहेज क्यों कर रही है. आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है.
जब प्रदेश के गृहमंत्री खुद सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो फिर सरकार इससे क्यों भाग रही है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस असली घोटाले बाजों को पकड़ने में सक्षम होती तो अभी तक करीब दो दर्जन पेपर लीक के मामलों में शामिल गुनहगारों को पकड़ा जाना चाहिये था . सरकार को ना केवल उन्हें पकड़ना चाहिए बल्कि युवाओं से भर्ती के नाम पर जो धोखाधड़ी हुई है उनके पैसे की भी वसूली होनी चाहिए. वही परिवार पहचान पत्र पर कानून को लेकर उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने वाला साबित हो सकता है. इसलिए उस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.
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