चंडीगढ़ | हरियाणा में अभी तक 4.4 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं ये जानकारी हरियाणा सरकार की तरफ से ट्वीट कर दी गई है. मीटर का नियंत्रण निगम के कार्यालय में रहेगा और इससे मीटर रीडिंग और गलत बिजली बिल से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलेगी. निगम लाइन लॉस को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है. पिछली सरकारों के दौरान राज्य में 31 फीसदी लाइन लॉस होता था, जो अब घटकर करीब 14 फीसदी हो गया है. इससे लगभग 5 हजार करोड़ रुपये के राजस्व में वृद्धि हुई है. सरकारी अवकाश की कोई बिजली कटौती नहीं है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में बिजली की आपूर्ति करने के उद्देश्य से महागाँव-जगमग गाँव योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है. निगम उपभोक्ताओं को डिजिटल माध्यम से बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. बिजली से संबंधित उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए निगम द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-180-4334 और 1912 जारी किए गए हैं.
बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा है कि बिजली निगमों को इस गर्मी में महंगी दरों पर बिजली खरीदनी होगी. प्रदेश की जनता को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों के पास बिजली सरप्लस होने के कारण सरकार पूरी कीमत चुकाकर बिजली आपूर्ति बनाए रखेगी. लोगों को बिजली कटौती नहीं झेलनी पड़ेगी. रणजीत सिंह ने कहा कि पिछले दो साल में मंत्री पद संभालने के बाद पहली बार निगम को सालाना 672 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. कांग्रेस शासन के दौरान राज्य भर में बिजली की हानि रिकॉर्ड 31 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.
लाइन लॉस को दूर करने के लिए भाजपा सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं. खासकर सीएम से अनुमति लेकर उन्होंने गुरुग्राम में बिजली चोरी करने वाले बड़े उद्योगों की चोरी को ही नहीं रोका बल्कि भारी जुर्माना भी वसूल किया गया. रंजीत सिंह ने कहा कि अगर लाइन लॉस 1 फीसदी से भी कम होता है तो निगम की आय में 380 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होती है. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से इस समय बिजली लाइन लॉस 14 प्रतिशत पर आ गया है. यही कारण है कि कुछ साल पहले बिजली निगमों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. अब पहली बार उन्हें 672 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.
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