चंडीगढ़ | हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र योजना की शुरुआत की गई. प्रदेश में रहने वाले नागरिकों के लिए अब पीपीपी बेहद जरूरी हो चुका है. सरकार की ओर से परिवार पहचान पत्र को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है.
सोमवार 11 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) की पहली बैठक ली. बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1 नवंबर से विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ केवल परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दिया जाना सुनिश्चित करें. प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के हकदार प्रत्येक पात्र परिवार के डाटा को सत्यापित किया जाए और जल्द से जल्द आवश्यक नियम और नीतियों का प्रारूप तैयार करें ताकि लाभार्थियों को समय बद्ध तरीके से सभी योजनाओं का लाभ मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान-पत्र राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो न केवल पंक्ति में अंतिम व्यक्ति तक सभी कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करेगी. इससे हर परिवार को एक अलग परिवार आईडी मिलेगी, जो सभी सरकारी सेवाओं के लिए मान्य होगी. पीपीपी डेटा एकत्र और सत्यापित करते समय सुरक्षा के उच्चतम मानक को अपनाया गया है और डेटा की चोरी या अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा में सेंध की कोई संभावना नहीं है. इस डेटा की किसी भी तरह की चोरी से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष आईटी टीमों को लगाया गया है.
बैठक के दौरान एचपीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब तक 64 लाख से अधिक परिवारों ने पीपीपी पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. इनमें से 56 लाख से अधिक परिवारों ने हस्ताक्षर कर पंजीकृत डेटा की सहमती दे दी है. डेटा का सत्यापन अभी जारी है.
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