चंडीगढ़ | हरियाणा में अब सेटेलाइट के जरिए विकास परियोजनाओं की निगरानी की जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 11 जिलों में भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशालाएं (GIS) का लोकार्पण किया है.
आपको बता दें कि हरियाणा में अब विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए 11 जिलों में अंतरिक्ष उपयोग द्वारा स्थापित भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशालाएं (जीआईएस लैब) स्थापित की गई है. इन लैबो को पहले चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, नूंह, भिवानी, फतेहाबाद व पलवल में बनाया गया है. इन लैब्स के माध्यम से सेटेलाइट के जरिए विभिन्न विभागों से संबंधित डाटा इकट्ठा किया जा सकेगा. और परियोजनाओं की निगरानी भी रखी जा सकेगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से हर से की ओर से 11 जिलों में निर्मित की गई जीआईएस लैब का लोकार्पण किया है. मुख्यमंत्री ने इस मीटिंग में जुड़े सभी कैबिनेट मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों को बताया कि स्थापित की गई, इन लैबो में सेटेलाइट इमेज का प्रयोग करके डाटा जुटा कर सुरक्षित रखा जाएगा. इस डाटा की पूरी जानकारी जैसे संपत्ति के मालिक का नाम, संपर्क नंबर संपत्ति का क्षेत्र, संपत्ति की आवासीय वाणिज्यिक क्षेत्रों से संबंधित स्थिति का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. संपत्ति का स्थान और क्षेत्र में उपलब्ध सार्वजनिक सुविधाओं की जानकारी भी आसानी से उपलब्ध होगी सेटेलाइट के माध्यम से अधिकृत और अनधिकृत कॉलोनियों की भी आसानी से पहचाना जा सकती है.
जानिए इन लैब्स से क्या होगा प्रमुख लाभ
- लैब के माध्यम से भविष्य की योजनाएं बनाने में डाटा एकत्रित करने में मदद मिलेगी.
- एक जगह पर उपलब्ध होगी सभी विभागों की जानकारी.
- सेटेलाइट के माध्यम से संकलित होगा डाटा.
- प्राकृतिक संसाधनों के मानचित्रण शहरीकरण सरकार की विभिन्न स्कीमों का आकलन करने में सहायता मिलेगी.
- जिला स्तर पर योजना तैयार करने में कम समय में कम खर्च लगेगा.