चंडीगढ़ | हरियाणा में किसानों के लिए खुशखबरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा है कि फसलों की सामान्य गिरदावरी 1 फरवरी से शुरू हो गई है, जो 1 मार्च 2024 तक पूरे प्रदेश में चलेगी. इस दौरान फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जिला प्रशासन को देने के निर्देश दिए गए हैं.
1600 करोड़ बैंक में भेजी राशि
डिप्टी सीएम ने कहा कि जब- जब किसानों की फसल प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई है, राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को हर संभव मदद उपलब्ध करायी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक लगभग 1,600 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी जा चुकी है.
पिछले 1 साल से किसानों को डीबीटी के माध्यम से मुआवजा दिया जा रहा है. प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट किसान स्वयं भी राजस्व विभाग के मुआवजा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सारी रिपोर्ट आने के बाद किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा.
6200 करोड़ रुपये की हुई वसूली
उपमुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते राजस्व पर खुशी जताते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2019- 20 में जहां स्टांप ड्यूटी से 6,200 करोड़ रुपये की वसूली हुई. वहीं, सुविधाएं उपलब्ध कराने से सरकार को अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जबकि अभी फरवरी और मार्च का महीना बाकी है, राजस्व में और बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि भले ही सरकार ने स्टांप शुल्क दर में बढ़ोतरी नहीं की लेकिन राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश में कुल 125 गांवों में चकबंदी का काम बाकी था, सिर्फ 54 गांवों में चकबंदी बाकी रह गई है. उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी के मामलों को छोड़कर शेष सभी गैर- मुकदमेबाजी वाले गांवों की चकबंदी का कार्य इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा. लोगों को फायदा है.
आधुनिक रिकॉर्ड रूम हुए तैयार
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार देश में पहली बार आधुनिक रिकॉर्ड रूम तैयार करने में सफल रही है. करीब सवा साल पहले राज्य सरकार ने जिला स्तर पर राजस्व विभाग के डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने का काम शुरू किया था. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एफसीआर कार्यालय, मंडल स्तर और उपमंडल कार्यालयों के राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च के निर्धारित लक्ष्य तक पूरी तरह से डिजिटल कर दिया जाएगा.
कानूनगो और पटवारखाने के रिकॉर्ड को भी इस साल के अंत तक डिजिटल कर दिया जाएगा. इसके बाद, लोग आपकी जमीन, राजस्व आदि के पुराने दस्तावेज अब खोजने के बजाय एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगे. इस वर्ष 2024 के अंत तक राज्य का राजस्व रिकॉर्ड 100 प्रतिशत डिजिटल हो जायेगा.
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