चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने सूबे में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के लगातार सामने आ रहे मामलों पर सरकार ने कड़ा प्रहार करने का मन बना लिया है. हरियाणा सरकार ने इस संबंध में एक सख्त फैसला लिया है जिसके तहत, विभागों, बोर्ड- निगमों पर निगरानी के लिए 11 चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) की नियुक्ति की गई है.
सरकार द्वारा नियुक्त किए गए इन अफसरों की हर विभाग पर पैनी नजर रहेगी और किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी बल्कि ऐसे दागी अधिकारियों की लिस्ट संबंधित विभागों की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी.
इस लिस्ट को CVO द्वारा प्रत्येक वर्ष जनवरी महीने में तैयार किया जाएगा. इस लिस्ट में उन राजपत्रित अधिकारियों और अधीनस्थ रैंकों के नाम होंगे, जिन्हें ईमानदारी की कमी के आरोप में या नैतिकता से जुड़े अपराध में अदालत में दोषी करार दिया गया है. इस लिस्ट में उन कर्मियों के नाम भी शामिल होंगे जिन पर केस विचाराधीन है. किसी आरोप से बरी हुए कर्मियों के नाम भी इस लिस्ट के जरिए सार्वजनिक होंगे. बता दे इस लिस्ट को हर साल अपडेट किया जाएगा.
इन दागी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम 3 साल तक वेबसाइट पर सार्वजनिक रहेंगे. इस विजिलेंस टीम की नजर अधिकारियों की संपत्ति पर भी रहेगी. CVO की ओर से कम से कम 5 फीसदी कर्मचारियों की सालाना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की रिपोर्ट की जांच की जाएगी.
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