हरियाणा में अधिकारियों के लिए SOP बना रही सरकार, गांवों की तस्वीर बदलने पर मिलेगा पुरस्कार

चंडीगढ़ | गांवों की तस्वीर बदलने के लिए शुरू किए गए ग्राम संरक्षक कार्यक्रम में स्वेच्छा से भाग लेने वाले अधिकारियों के लिए सरकार अब मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाएगी. इसका खाका तैयार कर लिया गया है. बता दें कि राज्य में 6,870 गांव हैं. इनमें से छह हजार से अधिक गांवों को प्रथम श्रेणी के अधिकारियों ने गोद लिया है. 3,000 से अधिक अधिकारी नियमित रूप से गांवों का दौरा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेज रहे हैं.

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विकास कार्यों से लेकर सौंपी रिपोर्ट

विकास कार्यों से लेकर जनसमस्याओं को लेकर ग्राम संरक्षकों द्वारा सौंपा गया. विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एसओपी तैयार की गई है. ग्राम संरक्षकों के सुझाव, समस्या और निराकरण के संबंध में भेजी गई रिपोर्ट को एसओपी में तब्दील कर दिया गया है. इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा. गांवों में पहुंचकर ग्राम संरक्षक न केवल ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर रहे हैं, बल्कि सरकार की योजनाओं की पूरी जानकारी भी उपलब्ध करा रहे हैं.

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ग्रामीणों के साथ मिलकर हो रही तैयार

विशेष रूप से परिवार पहचान पत्र, शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, पेंशन योजना, मेरी फसल- मेरा विवरण, स्वामित्व योजना, हर घर नल का योजना, परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना आदि शामिल हैं. ग्राम संरक्षक अधिकारी सरपंच, पंच व ग्राम स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क कर गांवों की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं. साथ ही, ग्रामीणों के साथ मिलकर विकास की योजना भी तैयार की जा रही है.

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मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव केएम पांडुरंग के मुताबिक, ग्राम संरक्षक के लिए अलग से पोर्टल तैयार किया जाएगा. वर्तमान में इसे इंट्रा हरियाणा पोर्टल से जोड़ा गया है. ग्राम संरक्षकों के लिए एसओपी तैयार की जा रही है. प्रथम श्रेणी के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से रिपोर्ट भेजी जा रही है. रिपोर्ट में सुझाव और समस्याएं भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सुझावों की एक रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है.

अधिकारी कर्तव्य के साथ समाज के विकास में दें योगदान

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना ​​है कि प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को अपने कर्तव्य के साथ- साथ समाज के विकास में योगदान देना चाहिए. ग्राम रक्षक के रूप में ग्रामीणों के साथ संवाद करें. प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी को प्रत्येक गांव को गोद लेकर उनका ग्राम संरक्षक बनना होगा ताकि गांवों की तस्वीर बदली जा सके. इतना ही नहीं, जिला उपायुक्तों ने भी गांव को गोद लिया था. जिला स्तर पर ग्राम संरक्षक कार्यक्रम के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है. हालांकि, यह काम अधिकारी को ड्यूटी के घंटों के अलावा अन्य समय में करना पड़ता है.

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