चंडीगढ़ | हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई में मदद के लिए दिए गए टैबलेट बोर्ड परीक्षा से पहले ही जमा कराने का फरमान आया है. शिक्षा निदेशालय की ओर से स्कूलों को जारी निर्देश में कहा गया है कि हाई स्कूल में 10वीं और सीनियर सेकंडरी स्कूल में 12वीं के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए रोल नंबर तभी मिलेगा, जब टैबलेट, चार्जर, सिम व इससे जुड़ी अन्य सामग्री जमा करा दी जाएगी.
28 फरवरी तक होगा रिसेट
शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा है कि स्कूल छोड़ने, बदलने की स्थिति में भी विद्यार्थी को टैबलेट स्कूल लाइब्रेरी में जमा कराना होगा. टैबलेट का बॉक्स नहीं मिल पाता है तो टैबलेट के पीछे ईएमआई नंबर लिखना होगा. विद्यार्थियों के लिए की गई इंट्री को एवीएएआर पोर्टल पर 28 फरवरी तक रिसेट किया जाना है.
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पढ़ाई में मदद के लिए दिए गए टैबलेट के बिना पेपरों की तैयारी कैसे होगी. शिक्षाविदों का कहना है कि टैबलेट से पेपर के दौरान बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिलती. पेपर के बाद या डीएमसी लेने के समय इन्हें जमा कराया जाता तो अच्छा होता. ई- अधिगम के तहत, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं, 11वीं, 12वीं के करीब 5.21 लाख बच्चों को टैबलेट दिए गए हैं.
जब टैबलेट बांटे गए, तब कहा था कि अंतिम पेपर के बाद जमा होंगे
जब टैबलेट बांटे गए तो दिशा-निर्देश दिए थे कि शैक्षणिक वर्ष की समाप्ति पर 12वीं की वार्षिक परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को भी अंतिम पेपर के बाद 5 दिन में टैबलेट स्कूल में जमा कराना होगा. अब 27 फरवरी से 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी. अब 17 दिन पहले ही टैबलेट जमा कराए जाने लगे हैं.
12वीं कक्षा के छात्र अमित और वीरेन ने शुक्रवार को ही टैबलेट जमा करा दिए. उन्होंने कहा कि टैबलेट से पढ़ाई की आदत सी हो गई थी. परीक्षा के दौरान तैयारी के लिए इनकी बहुत जरूरत पड़ती है. टैबलेट परीक्षा के बाद जमा कराए जाते तो ज्यादा अच्छा होता.
टैब से पेपर की तैयारी में मदद मिलती
टैबलेट में मल्टी च्वॉइस के सवालों के अलावा चैप्टर, लर्निंग वीडियो हैं. हिंदी, अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान का पूरा सिलेबस है. शिक्षाविदों का कहना है कि किसी बच्चे के पास बुक, नोटबुक न हो तो भी इससे पेपर की तैयारी की जा सकती है.
डीईओ बोले- टैबलेट विभागीय संपत्ति
सुरेश कुमार (कार्यकारी डीईओ, सोनीपत) ने कहा कि निदेशालय के दिशा-निर्देशों की पालना कराई जा रही है. सभी स्कूल मुखियाओं को निर्देश जारी किए हैं. टैबलेट विभागीय संपत्ति है, ऐसे में उसकी सुरक्षा भी अहम है ताकि आगे बच्चों को इसका लाभ समय से मिल सके.
किस जिले में कितने टैबलेट
- अम्बाला- 20,241
- कुरुक्षेत्र- 21,460
- भिवानी- 29,477
- महेंद्रगढ़- 16,951
- दादरी- 10,317
- नूंह- 24,730
- फरीदाबाद- 30,561
- पलवल- 16,646
- फतेहाबाद- 22,639
- पंचकूला- 12,932
- गुड़गांव- 33,190
- पानीपत- 23,177
- हिसार- 36,329
- रेवाड़ी- 18,866
- झज्जर- 18,076
- रोहतक- 17,809
- जींद- 29,350
- सिरसा- 31,623
- कैथल- 27,393
- सोनीपत- 27,779
- करनाल- 27,683
- यमुनानगर- 24,048