धर्म परिवर्तन को लेकर कानून बनाने वाला 11वां राज्य बना हरियाणा, यहाँ पढ़े पूरी जानकारी

चंडीगढ़ | हरियाणा में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हो गया है और अब राज्य में शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता है क्योंकि हरियाणा सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण निगम 2022 बनाया था. इस धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम 2022 को अब प्रदेश के राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. आपको बता दें कि इस साल मार्च के बजट सत्र के दौरान हरियाणा सरकार ने जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए बिल पास किया था. इसके बाद 1 दिसंबर 2022 को हुई कैबिनेट की बैठक में इसके नियम तय किए गए.

यह भी पढ़े -  हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिजली विभाग को मिलेगा लाभ

ADVOCATE VAKIL COURT JUDGE

कानून तोड़ने पर 10 साल तक की कैद

धर्मांतरण विरोधी कानून तोड़ने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया है अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो दोषी को अधिकतम दस साल की सजा हो सकती है. साथ ही, पीड़िता को गुजारा भत्ता भी देना होगा. दूसरी ओर यदि अभियुक्त व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी अचल संपत्ति को बेच दिया जाएगा और पीड़ित को आर्थिक रूप से मदद की जाएगी. इसी तरह धर्मांतरण के बाद विवाह से पैदा हुए बच्चे भी भरण-पोषण और बाद में आरोपी व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी. बालिग होने तक आर्थिक मदद देनी होगी. कानून का उल्लंघन संज्ञेय अपराध होगा और गैर जमानती होगा.

यह भी पढ़े -  हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में बेघरों के घर का सपना होगा पूरा, पीएम आवास योजना 2.0 लांच

धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अगर कोई किसी भी तरह के लालच या जबरन धर्म परिवर्तन करता है तो उसे कम से कम 5 साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा. शादी के लिए धर्म छिपाने पर तीन से 10 साल तक की कैद और कम से कम तीन लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है.

इसके अलावा, अगर सामूहिक धर्मांतरण में नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो इसके लिए भी सजा का प्रावधान है. ऐसे में 5 से 10 साल की कैद और कम से कम चार लाख रुपए जुर्माना हो सकता है. वहीं, एक से अधिक बार जबरन धर्मांतरण कराते पकड़े जाने पर दस साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना होगा.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में ठेके पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी, मिलेगा लोन और मुआवजा

धर्म परिवर्तन के लिए मजिस्ट्रेट से लेनी होगी मंजूरी

अब हरियाणा में जबरन धर्मांतरण नहीं हो सकता. हालांकि, कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर सकता है लेकिन इसके लिए पहले उसे मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी. बता दें कि पिछले 4 साल में हरियाणा में जबरन धर्मांतरण के 127 मामले दर्ज किए गए हैं. हरियाणा 11वां भाजपा शासित राज्य है जहां ऐसा कानून बनाया गया है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit