चंडीगढ़ | हरियाणा देश का पहला राज्य बन चुका है, जहां क्रेच पॉलिसी लागू कर दी गई है. इस विषय में जानकारी देते हुए हरियाणा के महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल ने बताया कि छोटे बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार द्वारा 500 नए क्रेच खोले जाएंगे. भविष्य में जरूरत पड़ने पर और क्रेच खोले जाएंगे.
शुरू किए गए 165 नए क्रेच
इन क्रेच को महिलाओं के कार्यस्थल के नजदीक बनाया जाएगा, जिनमें 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों को 8 से 10 घंटे प्रतिदिन तक रखा जा सकेगा. सरकार का उद्देश्य है कि काम करने वाले माता- पिता बिना किसी चिंता के अपने काम में ध्यान लगा सकें. उनके बच्चों की देखभाल के लिए सरकार द्वारा साल 2020 में 500 नए क्रेच खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसी क्रम में पहले चरण के तहत 16 जिलों में 165 क्रेच शुरू कर दिए गए हैं.
साढ़े 4 हजार से अधिक बच्चों की हो रही देखभाल
इन में साढ़े 4 हजार से ज्यादा बच्चों की देखभाल हो रही है. यहां बच्चों के खेलने, नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, सोने की व्यवस्था आदि का प्रबंध कुशल एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जाता है. प्रदेश सरकार द्वारा अपने खर्चे पर बच्चों को खाने में पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है. जिन छोटे बच्चों की माताएं कहीं काम करती हैं, उनके लिए फीडिंग रूम बनाए गए हैं ताकि वह अपने निर्धारित लंच के समय आकर अपनी सुविधा अनुसार बच्चों को फीड कर पाए.
3215 लाख रुपए की धनराशि आवंटित
राज्य में क्रेच केंद्र की उपयोगिता में बढ़ोतरी हो रही है. इसी कारण विभाग द्वारा उनकी संख्या बढ़ने पर जोर दिया जा रहा है. साल 2024- 25 के लिए 3,215 लाख रुपए की धनराशि आवंटित कर दी गई है. नए क्रेच खोलने में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी. प्रदेश की क्रैच पॉलिसी अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित होगी. विभिन्न जिलों में क्रेच वर्कर, हेल्पर, सुपरवाइजर और बच्चों के लिए प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है.
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