चंडीगढ़ | हरियाणा में शिक्षकों को अजीब तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है. अवकाश यात्रा रियायत (LTC) के लिए शिक्षा विभाग ने बजट जारी कर दिया लेकिन वित्त विभाग पैसा जारी नहीं कर रहा. गर्मी की छुट्टियों में गुरुजी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यह सोचकर अपनी जेब से पैसा खर्च कर घूमने निकल गए कि एलटीसी मिल जाएगी. अब बिल पास नहीं हो रहे और जेब भी खाली हो गई है.
देश- विदेश में भी कर सकते हैं भ्रमण
सरकारी कर्मचारियों को प्रत्येक चार वर्ष के ब्लाक में एलटीसी दी जाती है ताकि वह देश- विदेश में भ्रमण पर जा सकें. इसके अंतर्गत, कर्मचारियों को बेसिक पे और महंगाई भत्ते को जोड़कर एक मास का वेतन दिया जाता है. कर्मचारियों को वर्तमान में 2020- 23 के ब्लाक ईयर 31 दिसंबर 2023 तक एलटीसी दी जानी है. एलटीसी जब स्वीकृत होती है तो महंगाई भत्ता भी उसी समय का दिया जाता है.
50 हजार शिक्षक हुए प्रभावित
डीडीओ (आहरण वितरण अधिकारी) द्वारा एलटीसी के बिल बनवाकर ट्रेजरी में डाले जा रहे हैं. ट्रेजरी द्वारा यह बिल वित्त विभाग में भेजे जा रहे हैं लेकिन वहां से एलटीसी पास नहीं की जा रही. करीब 50 हजार शिक्षक इससे प्रभावित हैं. हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरीओम राठी व प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह ने कहा कि जब शिक्षकों की एलटीसी स्वीकृत की गई तो महंगाई भत्ते की दर 38 प्रतिशत थी. अब बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई है, परंतु प्रदेश के शिक्षक इससे वंचित हैं. जुलाई के बाद महंगाई भत्ते की दर और बढ़ सकती है.
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