चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में अग्रिम मोर्चे पर जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही प्रदेश भर की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को एक्सग्रेसिया के तहत 20 लाख रुपए के दायरे में लाया गया है.
मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने का काम किया है, जिससे फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर यदि किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या किसी सहायिका की कोरोना काल में मृत्यु हो जाती है तो उनके परिजनों को 20 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी.
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री कमलेश ढांडा ने अपने बयान में बताया कि कोरोना संक्रमण से निपटने हेतु प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों में प्रदेश के सभी 25 हजार 962 आंगनबाड़ी केंद्रों के 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिकाएं अपना योगदान दे रही है. टेस्टिंग, ट्रेकिंग एंड ट्रिटमेंट अभियान में घर-घर पहुंच इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किशोरियों,दूध पिलाने वाली माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार वितरण करने का काम भी पूरी निष्ठा व लग्न से किया है.
ऐसे में विभाग द्वारा कोरोना काल के दौरान मृत्यु होने पर राशि बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास भेजा था. मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए अग्रिम मोर्चे पर जिम्मेदारी निभा रही इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को निधन होने की स्थिति में एक्सग्रेसिया के तहत 20 लाख रुपए राशि देने की मंजूरी दी है जो पहले 10 लाख रुपए थी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!