चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि इस वर्ष बारिश के पानी का दोबारा उपयोग करने के लिए अधिक योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया जाएगा. जिससे बाढ़ की स्थितियों से निपटने एवं ग्राउंड वाटर के स्तर एवं सूखा प्रभावित क्षेत्रों इस पानी का सही उपयोग किया जा सकेगा. इसके लिए बाढ़ एवं सूखा नियंत्रण बोर्ड की ओर से 320 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है. जिसके तहत करीब 494 करोड रुपए की लागत का खर्च की जाएगी.
आपको बता दें यह घोषणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान की. इस दौरान प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद थे.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पिछले कई वर्षों से मई के महीने के दौरान बाढ़ नियंत्रण व सूखा राहत बोर्ड की बैठकें होती थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस बैठक को साल में दो बार करने का निर्णय लिया है ताकि वर्षा से पहले समीक्षा की जा सके. उन्होंने आगे कहा कि खेतों में खारे पानी की निकासी व दोबारा उपयोग के लिए 221 करोड़ की योजनाएं तैयार की गई.
इसी के साथ सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पिछले साल के आवरण योजना का फायदा यमुना के क्षेत्र में देखने को मिला. जिसका परिणाम यह है कि बारिश के दिनों में यमुना के क्षेत्र में बाढ़ का पानी नहीं भरा.
हालांकि कुछ इलाकों में जलभराव के कारण फसलों का नुकसान हुआ. जिसमें भिवानी, रोहतक, झज्जर, हिसार सोनीपत जैसे कई जिले शामिल हैं. जिनके लिए 650 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है. अंबाला और बरवाला शहरों में जलभराव की समस्या को समाप्त करने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से 45 करोड रुपए की 2 योजनाओं को स्वीकृति मंजूरी दी गई है.
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