हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, अब जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद होगा म्यूटेशन

चंडीगढ़ | हरियाणा में किसी भी तरह की जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन भी ऑनलाइन होगाा. संपत्ति का म्यूटेशन किए बिना स्वामित्व का हस्तांतरण पूरा नहीं होता है. सरकारी रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन के मालिकाना हक में बदलाव के मद्देनजर जमीन का म्यूटेशन जरूरी है. बिजली- पानी के लिए आवेदन करते समय भी म्यूटेशन के दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ के वेब हैलरिस में म्यूटेशन के ऑटोमेटेड जेनरेशन मॉड्यूल को लॉन्च किया.

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आपत्ति दर्ज कराने के लिए 10 दिन की मिलेगी समयावधि

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से अब किसी भी संपत्ति/ जमीन का रजिस्ट्री के तुरंत बाद म्यूटेशन संभव हो सकेगा. साथ ही, म्यूटेशन की जानकारी भी पोर्टल पर उपलब्ध होगी जिसे कोई भी चेक कर सकता है. आपत्ति दर्ज कराने के लिए 10 दिन की समयावधि दी जाएगी. यदि कोई 10 दिन के भीतर आपत्ति दर्ज कराता है तो नामांतरण विवादित माना जाएगा और कोई इंतकाल नहीं होगा. यदि कोई आपत्ति नहीं होगी तो म्यूटेशन स्वत: हो जायेगा. वहीं, फ़िलहाल किसी भी जमीन या संपत्ति की बिक्री, कब्जे के साथ बंधक, पारिवारिक हस्तांतरण और उपहार का म्यूटेशन किया जाएगा.

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संपत्ति का म्यूटेशन क्यों है जरूरी

संपत्ति उत्परिवर्तन से तात्पर्य किसी संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण के समय शीर्षक स्वामित्व में परिवर्तन से है जो भूमि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है. संपत्ति का म्यूटेशन उन लोगों के लिए अनिवार्य है जो जमीन खरीदते हैं या वसीयत या उपहार विलेख द्वारा संपत्ति प्राप्त करते हैं. उत्परिवर्तन प्रक्रिया नगर निगम कार्यालय में की जाती है जो भूमि से संबंधित रिकॉर्ड रखता है. कुछ राज्यों ने संपत्ति उत्परिवर्तन के लिए आवेदन करने के लिए ऑनलाइन सेवाएं भी शुरू की हैं. प्रॉपर्टी म्यूटेशन फीस आमतौर पर 25 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है.

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बीजेपी के घोषणापत्र में किया था वादा

मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2019 में म्यूटेशन की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना भाजपा घोषणापत्र की प्रमुख घोषणाओं में से एक थी. पूरे सिस्टम के गहन अध्ययन के बाद गुरुवार को यह पोर्टल लॉन्च किया गया है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की पहल जनहित में है. इस पोर्टल का शुभारंभ स्वच्छ और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि पहले म्यूटेशन कराना किसी महाभारत से कम नहीं था क्योकि इसके लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता था. इसे ध्यान में रखते हुए हमने हर चीज को आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है.

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