चंडीगढ़ । हरियाणा में किसानों को पराली (धान के फसल अवशेष) जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत हैं और इसका असर भी देखने को मिल रहा है. राज्य सरकार द्वारा किए इंतजाम भी इस मामले में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. धान कटाई का सीजन पीक पर होने के बावजूद इस बार खेतों से उठने वाला धुआं नाममात्र ही है. प्रदेश में पराली जलाने के अब तक 24 मामले सामने आए हैं जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 160 स्थानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए थे. पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामलों में 90% तक की गिरावट आई है.
प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है सरकार
सरकार द्वारा लगातार चलाएं जा रहें जागरूकता अभियान का असर भी देखा जा रहा है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि के तौर पर दे रही है, इसलिए अब पराली बेचने के लिए होड़ लगी हुई है. इसके साथ ही अब कई कंपनियां भी आ गई है जो सीधे किसानों से अच्छे दामों पर पराली खरीद रही है.
किसान उठा रहे हैं सब्सिडी का फायदा
हरियाणा कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए कृषि विभाग ने करीब 250 करोड़ रुपए का बजट रखा है. किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैया करवाई गई है ताकि वे पराली को खेत में ही नष्ट कर दें. इसके साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन पर प्रति एकड़ 1000 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. सरकार द्वारा किए गए इन प्रयासों का परिणाम भी सामने आ रहा है और प्रदेश में पराली जलाने के मामले लगातार कम हो रहें हैं.
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