चंडीगढ़ । अब को अधिकारी जनता के किसी काम की फाइल को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं पाएगा. अब यदि अधिकारी ने फाइल तय समय में नहीं निपटाई तो वह स्वत सीनियर अधिकारी के पास चली जाएगी और वहां भी काम नहीं हुआ तो फाइल राइट टू सर्विस कमीशन के पास पहुंच जाएगी.
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑटो अपील’ नाम से तैयार किए गए सॉफ्टवेयर को आज लांच करने जा रहे हैं. इस साफ्टवेयर के लांचिंग के बाद भी अगर किसी का काम तय समय पर नहीं होता है तो अब उसे परेशान होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ऑटो अपील यानि आस ऐसे लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनने जा रहा है. एक सितम्बर से हरियाणा में इसकी शुरुआत होने जा रही है. हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य होगा जो इस तरह का अनूठा सिस्टम शुरू करने जा रहा है.
उन्होंने बताया कि यदि किसी का कोई काम तय समयावधि में पूरा नहीं किया जाएगा और वह काम सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है तो ऑटो अपील साफ्टवेयर के तहत आवेदन अपीलेट अथोरिटी में चला जाएगा. यदि वहां भी काम पूरा नहीं किया गया तो आवेदन उससे सीनियर अधिकारी की टेबल पर पहुंच जाएगा. अगर इन दोनों स्तरों पर भी उस काम पर कोई सुनवाई नहीं होती है तो फिर आवेदन कमीशन आफिस आ जाएगा. टी.सी. गुप्ता ने बताया कि ऑटो अपील साफ्टवेयर के शुरू होने से लोगों को निश्चित तौर पर राहत प्रदान होंगी और उनके काम एक निर्धारित समयावधि के अंदर पूरे होने लगेंगे.
अब अधिकारियों व कर्मचारियों को ढुलमुल रवैया त्याग कर एक निश्चित समय सीमा में लोगों के काम को पूरा करना होगा. ऐसा न करने पर क्लर्क से लेकर विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन बार जुर्माना लग जाता है तो उसे अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
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