चंडीगढ़ । देश में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे सर्वव्यापी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान की है. अब हरियाणा में केवल खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शहरी जमीनों पर कोई भी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगेगा. हरियाणा राज्य देश का पहला राज्य है जिसने ऐसा प्रावधान लागू किया है.
15 मार्च को विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान हरियाणा सरकार ने विधानसभा में इस विधेयक को पारित किया था. आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में कृषि के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि पर भी संपत्ति कर लगाया जाता था.
हरियाणा सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची (सूची दो) राज्य सूची के क्रम संख्या 49 में वर्णित प्रावधानों के मुताबिक हर राज्य सरकार को भवनों और जमीनों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का अधिकार होता है. इसी प्रावधान के आधार पर सभी राज्य सरकारें भवनों और भूमियों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाती है और हरियाणा में भी सरकार संपत्ति कर लगाती है.
हरियाणा सरकार के वर्तमान संशोधन से प्रॉपर्टी टैक्स सिर्फ संपत्ति की कीमत के बेस पर लगाने और इसके लिए एक न्यूनतम दर को निर्धारित करने का प्रावधान किया गया है. इन न्यूनतम दरों से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स लगवाने का पालिकाओं को अधिकार होगा.
अब तक पांच राज्यों मणिपुर, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में इस प्रकार के संशोधन कर केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त उधार के रूप में 0.25% देने की सिफारिश की है.
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