हरियाणा सरकार ने वन विभाग की भर्ती नियमों में किए बदलाव, जानें अब क्या होंगे नए रूल?

चंडीगढ़ | हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इको- टूरिज्म के विकास के लिए बनाई गई नई नीति पर मुहर लगी है. नई नीति का उद्देश्य राज्य की समृद्ध जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र, विरासत स्मारकों और सांस्कृतिक विविधताओं का संरक्षण करना है. इससे हरियाणा प्रमुख इको- टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित होगा.

CM Manohar Lal Khattar

प्रमोशन से भरे जाएंगे 50% पद

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की ग्रुप C के पदों पर भर्ती और सेवा नियमों में बदलाव को मंजूरी दी गई है. अब रेंजर के 50% पदों पर सीधी भर्ती और बाकी 50 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन से नियुक्ति होगी जबकि पहले यह अनुपात 67:33 था. डिप्टी रेंजर्स को पदोन्नति के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सिफारिश पर नियमों में यह संशोधन किया गया है.

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वन रेंजरों के 126 पद

वर्तमान में हरियाणा में वन रेंजर के 126 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 67% पद हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के माध्यम से सीधी भर्ती से भरे जाते हैं और 33 प्रतिशत पर डिप्टी रेंजरों से पदोन्नति द्वारा नियुक्ति की जाती है लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में बदलाव की मंजूरी के बाद अब यह अनुपात 50:50 हो गया है.

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इसी तरह भारतीय वन सेवा के अधिकारी ही मुख्य वन्य जीव वार्डन बन सकेंगे. मुख्य वन्य जीव वार्डन का पद राज्य नियमों से हटा दिया गया है. इस पद को भारत सरकार द्वारा भारतीय वन सेवा (हरियाणा कैडर) में पीसीसीएफ स्तर पर शामिल किया गया है.

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